निश्चय टाइम्स, डेस्क। केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल 7 से 10 अक्टूबर 2025 तक दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु नटाल प्रांत में आयोजित होने वाली जी20 ऊर्जा परिवर्तन मंत्रिस्तरीय बैठक (ईटीएमएम) में भाग लेंगे। दक्षिण अफ्रीकी जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत आयोजित यह बैठक, वैश्विक ऊर्जा भविष्य को आकार देने वाले प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के ऊर्जा प्रमुखों को एक साथ लाएगी। मनोहर लाल “ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ भोजन, सस्ती और विश्वसनीय पहुंच” और “सतत औद्योगिक विकास” पर आयोजित होने वाले सत्रों में भाग लेंगे। इन चर्चाओं का उद्देश्य सस्ती, विश्वसनीय और दीर्घकालिक ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मज़बूत करना है, जो आर्थिक विकास और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बैठक के दौरान, मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेज़ी से बढ़ती भारत की उल्लेखनीय यात्रा की जानकारी देंगे। भारत ने हाल ही में अपनी कुल बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है और यह वैश्विक अपेक्षाओं से कहीं अधिक है। यह उपलब्धि एक स्वच्छ, हरित और अधिक अनुकूल ऊर्जा भविष्य के निर्माण के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि विकास समावेशी और दीर्घकालिक बना रहे।
वह सभी के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण और विकासशील क्षेत्रों में, ऊर्जा की पहुंच, सामर्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा करेंगे। श्री मनोहर लाल इस बात पर बल देंगे कि ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन सबसे गंभीर वैश्विक चुनौतियों में से हैं, जिनका विकासशील देशों पर असमान रूप से प्रभाव पड़ रहा है और वह अक्सर संसाधनों और क्षमता की कमी का सामना करते हैं।
मनोहर लाल “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के व्यापक दृष्टिकोण के साथ न्यायसंगत, किफायती और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन प्राप्त करने के उद्देश्य से सहयोगात्मक वैश्विक प्रयासों के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराएंगे। ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह (ईटीडब्ल्यूजी) और ऊर्जा परिवर्तन मंत्रिस्तरीय बैठक (ईटीएमएम) का आयोजन द कैपिटल होटल, जिम्बाली, डरबन में किया जाएगा तथा यह स्वच्छ, सुरक्षित और समतामूलक ऊर्जा प्रणालियों पर जी-20 एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।
