यूक्रेन में पकड़ाया – परिवार ने भारत सरकार से लगाई गुहार
गुजरात के मोरबी जिले का रहने वाला 22 वर्षीय साहिल मोहम्मद हुसैन माजोती इन दिनों सुर्खियों में है। साहिल रूस पढ़ाई के लिए गया था, लेकिन अब वह रूस-यूक्रेन जंग में फंस गया है। हाल ही में यूक्रेन की सेना ने उसे हिरासत में लिया है। यूक्रेनी सेना द्वारा जारी एक वीडियो में साहिल ने कबूल किया है कि वह रूस में ड्रग्स केस में फंस गया था और सात साल की जेल से बचने के लिए उसने रूसी सेना में भर्ती ले ली थी।
साहिल ने यूक्रेनी सेना के सामने क्या बताया?
यूक्रेन की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें साहिल लोकल भाषा में बोलते हुए नजर आ रहा है। उसने कहा,
“मैं रूस में यूनिवर्सिटी का छात्र था। वहां मुझे ड्रग्स लेने के झूठे आरोप में जेल भेज दिया गया और सात साल की सजा सुनाई गई। मैं जेल नहीं जाना चाहता था, इसलिए मैंने रूसी सेना के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए ताकि मुझे ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ यानी यूक्रेन युद्ध में भेजा जाए।”
साहिल ने आगे कहा कि उसे जंग में लड़ने के लिए पैसे देने का वादा किया गया था, लेकिन उसे कभी भुगतान नहीं मिला। उसने बताया, “मैं यूक्रेनी सेना के नजदीक पहुंच गया और तुरंत अपनी राइफल नीचे रख दी। मैंने कहा कि मैं लड़ना नहीं चाहता, बस मदद चाहता हूं। मैं रूस वापस नहीं जाना चाहता। वहां कोई सच्चाई नहीं है। मैं यहां (यूक्रेन) जेल जाना ज्यादा पसंद करूंगा।”
साहिल का परिवार क्या कहता है?
साहिल के पकड़े जाने की खबर से उसका परिवार सदमे में है। उसके चाचा अब्दुल इब्राहिम ने बताया कि साहिल पढ़ाई और नौकरी की तलाश में रूस गया था। उन्होंने कहा,
“हमें मीडिया से पता चला कि साहिल यूक्रेन की गिरफ्त में है। वह कभी युद्ध में जाने के लिए नहीं गया था। हम भारत सरकार से उसकी सुरक्षित वापसी की अपील करते हैं।”
वहीं, स्थानीय समुदाय के नेता कसम सुमरानी ने कहा कि साहिल को ड्रग्स केस में झूठा फंसाया गया था। जेल की सजा से बचने के लिए उसे रूसी सेना में शामिल होने का प्रस्ताव मिला, जिसे उसने मजबूरी में स्वीकार कर लिया। सुमरानी ने बताया, “हमने सोशल मीडिया पर यूक्रेनी सेना द्वारा जारी वीडियो देखा, जिसमें साहिल खुद अपनी स्थिति बता रहा है। उसकी आंखों में डर और लाचारी साफ दिख रही है।”
भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया
खबर लिखे जाने तक भारतीय विदेश मंत्रालय ने साहिल की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वे यूक्रेनी मीडिया रिपोर्ट्स की जांच कर रहे हैं और रूस तथा यूक्रेन दोनों से संपर्क में हैं।
यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है। एक भारतीय छात्र का विदेशी युद्ध में फंसना और ड्रग्स केस के कारण सेना में भर्ती होना कई सवाल खड़े करता है — क्या रूस में भारतीय छात्रों के लिए कानूनी सुरक्षा पर्याप्त है, और क्या सरकार को ऐसे मामलों के लिए कोई विशेष नीति बनानी चाहिए?
