मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आयोग को वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं निर्धारित तिथि तक निर्वाचन व्यय विवरणी न देने वाले पंजीकृत राजनैतिक दलों की सुनवाई की
सुनवाई में 127 दलों में से कुल 66 राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा
अंतिम दिन की सुनवाई में 52 में से 26 राजनैतिक दलों के पदाधिकारी उपस्थित रहे
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने प्रदेश के पते पर पंजीकृत ऐसे राजनैतिक दल जो विगत 06 वर्षों में लोक सभा एवं विधान सभा चुनाव में प्रतिभाग करने के बाद भी निर्धारित तिथि तक अपनी अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी आयोग को प्रस्तुत नहीं किया था, ऐसे राजनैतिक दलों की अपने कार्यालय कक्ष में सुनवाई की। 09 अक्टूबर गुरुवार को सुनवाई के अंतिम दिन 52 राजनैतिक दलों को बुलाया गया था, इसमें 26 राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सीईओ द्वारा विगत तीन दिनों तक की गई सुनवाई में कुल 66 दलों के पदाधिकारियों ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। सीईओ ने प्रत्येक दल द्वारा प्रस्तुत किए गए अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का गहन परीक्षण किया और सभी दलों के मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या, वर्तमान पता व ईमेल की भी जांच की।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश के पते पर पंजीकृत ऐसे 127 राजनैतिक दलों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था, जो वर्ष 2019 से अब तक विगत 06 वर्षों में लोक सभा एवं विधान सभा चुनाव में प्रतिभाग करने के बाद भी विगत तीन वित्तीय वर्षों से अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी निर्धारित समय सीमा तक प्रस्तुत नहीं किया था। ऐसे दलों को निर्वाचन व्यय विवरणी, शपथपत्र, वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं अन्य आवश्यक अभिलेखों के साथ सुनवाई के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। सुनवाई के दौरान ऐसे राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सम्मुख उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा और अपने दल के तीन वर्षों 2021-22, 22-23 व 23- 24 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और निर्वाचन व्यय विवरणी प्रस्तुत किया।
सुनवाई के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक राजनैतिक दल को प्रतिवर्ष 30 सितम्बर तक अपनी अंशदान रिपोर्ट तथा 31 अक्टूबर तक अपने आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य है। इसी प्रकार लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिनों में तथा विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिनों में अपने आय व्यय का ब्योरा भी सभी दलों को देना होता है। प्रत्येक दल को चंदे के रूप में प्राप्त 20 हजार रुपए से अधिक के अंशदान की रिपोर्ट भी देनी है। इसी प्रकार लोक सभा एवं विधान सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को भी अपने आय-व्यय के खर्चों का विवरण निर्वाचन समाप्त होने के बाद 30 दिनों में देना है।
उन्होंने कहा कि सभी दलों को अपनी पार्टी का ईमेल, मोबाइल नंबर तथा वर्तमान पता को अपडेट रखना होगा, जिससे समय समय पर आयोग के निर्देशों, अन्य तथ्यों व नियमों की जानकारी उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को भी सभी दलों के वर्तमान पते का सत्यापन कराने के निर्देश दिए।
गुरुवार की सुनवाई में जन आदेश अक्षुणी सेना-मैनपुरी, समर्थ किसान पार्टी-कौशाम्बी, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी-मथुरा, सबका दल यूनाइटेड-लखनऊ, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (इन्सान)-भदोही, भारतीय नवोदय पार्टी-इटावा, संयुक्त समाजवादी दल-आगरा, सनातन संस्कृति रक्षा दल-प्रयागराज, समग्र विकास पार्टी-मेरठ, गरीब क्रान्ति पार्टी-बिजनौर, राष्ट्रीय विकास मंच पार्टी-वाराणसी, सत्य क्रान्ति पार्टी-गोरखपुर, सर्वजन समता पार्टी-गाजियाबाद, हमदर्द पार्टी-गाजीपुर, उत्तर प्रदेश रिपब्लिकन पार्टी-लखनऊ, राष्ट्रीय मतदाता पार्टी-लखनऊ, सरदार पटेल सिद्धान्त पार्टी-प्रतापगढ, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया)-लखनऊ, सबसे अच्छी पार्टी-हापुड, सम्राट अशोक सेना पार्टी-गोण्डा, जय हिन्द समाज पार्टी-गाजीपुर, मजदूर किसान यूनियन पार्टी-मुजफ्फरनगर, जनहित किसान पार्टी-महाराजगंज, समान अधिकार पार्टी-आगरा, वंचित समाज इंसाफ पार्टी-मथुरा एवं विकास इंसाफ पार्टी-फतेहपुर जिले में पंजीकृत राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
