समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने एक बार फिर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती की खुलकर तारीफ की और कहा कि वह न केवल उनकी मेहमान रह चुकी हैं, बल्कि उनके बड़ों से भी उनका पुराना रिश्ता रहा है। आजम खां ने कहा, “मायावती देश की एक बड़ी नेता हैं, मैं ऐसी कोई बात नहीं कह सकता जो उनके लिए दुख का कारण बने।”
मीडिया से बातचीत में आजम खां ने मायावती के साथ अपने पुराने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि जब वह रामपुर की रैली में आई थीं, तब वह उनकी मेहमान थीं। उन्होंने एक रोचक वाकया साझा करते हुए बताया, “बहुत कम लोगों को मालूम है कि लखनऊ में जब मैं फज्र की नमाज पढ़ता था, तब कांशीराम जी मायावती से मिलने आया करते थे और आधा-एक घंटा बातचीत के बाद लौट जाते थे।”
आजम खां के इस बयान से उन चर्चाओं को और बल मिला है, जिनमें कहा जा रहा था कि वह आने वाले समय में बसपा का रुख कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने खुद इस पर कोई सीधा संकेत नहीं दिया।
लखनऊ रैली पर दी सफाई
जब मायावती की लखनऊ रैली में समाजवादी सरकार पर लगे आरोपों पर उनसे सवाल किया गया, तो आजम खां ने कहा, “यह राजनीतिक सवाल है, और इसका जवाब वही देंगे जो हमारे यहां उनके स्तर के नेता हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस साल उनके लिए बहुत कठिन रहे हैं और उन्होंने राजनीति से ज्यादा व्यक्तिगत संघर्ष झेला है।
भविष्य को लेकर संकेत
आगामी चुनावों को लेकर आजम खां ने कहा, “अगर हम सत्ता में आए, तो हम पूरी कोशिश करेंगे कि मायावती की शिकायतों का समाधान हो और उन्हें आगे किसी शिकायत का मौका न मिले।” आजम खां का यह बयान न सिर्फ सपा और बसपा के बीच संभावित समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी नए गठजोड़ की संभावना को जन्म देता है।
