दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तथा बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए। बिहार चुनाव के बीच यह फैसला लालू परिवार के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
यह मामला रांची और पुरी स्थित दो आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004–2009), इन होटलों के रखरखाव के ठेके में रिश्वत और पक्षपात के माध्यम से सौदे किए गए थे।
कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका और सबूतों के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए हैं।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी (धारा 420 IPC) और आपराधिक षड्यंत्र (धारा 120B IPC) के तहत आरोप लगाए गए हैं। जबकि लालू प्रसाद यादव पर भी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप तय किया गया है।
तीनों आरोपियों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 29 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रखा था, जिसके बाद अब आरोप तय किए गए हैं। अदालत ने पहले ही 24 सितंबर को सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया था।
सीबीआई के अनुसार, लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के दो होटलों का संचालन निजी कंपनियों को सौंपा, बदले में उनके परिवार को लाभ पहुंचाया गया।
जांच एजेंसियों का कहना है कि इस सौदे में नियमों की अनदेखी की गई और इसका लाभ लालू परिवार से जुड़ी कंपनियों को मिला।
