वाशिंगटन से बड़ी खबर: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे तनाव ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। सीमा पर लगातार बमबारी की जा रही है, जिससे हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे इस संघर्ष को समाप्त करने की पूरी क्षमता रखते हैं और यदि जरूरत पड़ी तो वे हस्तक्षेप कर सकते हैं।
मिस्र रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “यह मेरा आठवां युद्ध होगा, जिसे मैं सुलझाने जा रहा हूं। मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है। मैंने कहा था कि मेरे लौटने तक इंतज़ार करें, क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं।”
ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कई लंबे समय से चले आ रहे अंतरराष्ट्रीय विवादों को बहुत कम समय में खत्म किया है। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच के संघर्ष के बारे में सोचिए — कुछ युद्ध ऐसे थे जो 30 से 37 सालों तक चले और जिनमें लाखों लोग मारे गए। मैंने उनमें से कई विवादों को एक दिन में सुलझा दिया।”
वहीं, वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिले नोबेल शांति पुरस्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने कहा, “मैंने यह जीवन बचाने के लिए किया, न कि पुरस्कार के लिए।” उन्होंने बताया कि मचाडो ने फोन पर कहा कि उन्होंने यह सम्मान ट्रंप के योगदान को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किया है।
मीडिया वार्ता के दौरान ट्रंप ने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों का उल्लेख किया, जिनके समाधान में उन्होंने अपनी भूमिका का दावा किया। इनमें आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इज़रायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया, और रवांडा-कांगो के विवाद शामिल हैं।
ट्रंप के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में फिर से चर्चा तेज हो गई है कि क्या अमेरिका एक बार फिर दक्षिण एशिया की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है।
