संभल: पिछले साल हुई सांप्रदायिक हिंसा के कथित मास्टरमाइंड मुल्ला अफरोज़ पर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है। यह हिंसा एक मुगलकालीन मस्जिद के अदालती सर्वेक्षण को लेकर भड़की थी, जिसमें कई लोगों की मौत और पुलिसकर्मी घायल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि सार्वजनिक शांति बनाए रखने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है।
पुलिस अधीक्षक के.के. बिश्नोई ने बताया कि अफरोज़, गुलाम और वारिस ने विदेशी हथियारों से गोलीबारी की थी, जिसमें अयान, नईम, कैफ, बिलाल और रोमन की मौत हुई। इस घटना में 29 पुलिसकर्मी भी घायल हुए और डीएम व एसपी पर हमला हुआ था। हिंसा जामा मस्जिद से शुरू होकर हिंदूपुरा खेड़ा तक फैल गई थी।
जाँच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने खुलासा किया कि यह पूरी साजिश शारिक साठा गिरोह से जुड़ी थी। गिरफ्तार तीनों आरोपियों से विदेशी पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में पता चला कि हथियार और गोला-बारूद दीपा सराय के अपराधी शारिक साठा के जरिए मुहैया कराए गए थे। साठा के दाऊद इब्राहिम गैंग और आईएसआई से भी संबंध बताए जा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह का उद्देश्य शहर में हिंसा फैलाकर प्रशासन को कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर करना था। साठा वर्तमान में दुबई से सक्रिय है और वाहन चोरी व हथियार तस्करी में शामिल है। पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है।
