निश्चय टाइम्स, लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत 17 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025 के बीच प्रदेशभर में ‘जागरूकता चौपाल’ कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित है। यह चौपालें प्रदेश के विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रतिदिन आयोजित की जाएंगी, जिनका उद्देश्य समाज में दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध व्यापक जन-जागरूकता फैलाना है। इन चौपालों का प्रमुख फोकस दो विषयों पर है दहेज उन्मूलन तथा घरेलू हिंसा की रोकथाम। चौपालों में महिलाओ, किशोरियों, पुरुषों और समुदाय के प्रतिनिधियों को इन समस्याओं की जडों, उनके कानूनी पहलुओं तथा सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। दहेज प्रथा, जो आज भी कई परिवारों में आर्थिक बोझ, लिंग असमानता और हिंसा का कारण बनती है, समाज के नैतिक ढांचे को कमजोर करती है। वहीं घरेलू हिंसा चाहे वह शारीरिक, मानसिक, आर्थिक या भावनात्मक रूप में हो महिलाओं की गरिमा, आत्मविश्वास और समानता पर प्रत्यक्ष आघात करती है। चौपालों के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि किसी भी प्रकार की हिंसा को सहन करना नहीं, बल्कि उसके खिलाफ आवाज उठाना ही वास्तविक सशक्तिकरण है।
इन चौपालों में प्रतिभागियों को घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005, तथा दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के बारे में सरल और व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञ वक्ता और विभागीय अधिकारी यह समझा रहे है कि इन कानूनों के अंतर्गत महिलाओं को क्या अधिकार प्राप्त हैं, और शिकायत दर्ज करने हेतु वह विभाग की महिला हेल्पलाइन 181 तथा प्रत्येक जनपद में स्थापित वन स्टॉप सेंटर में संपर्क कर सकते हैं,जहाँ पीडित महिलाओं को 24 घंटे त्वरित सहायता प्रदान की जाती है। महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि, “दहेज और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों का अंत केवल कानून से नहीं बल्कि समाज की चेतना से संभव है। मिशन शक्ति के तहत आयोजित जागरुकता चौपालों का उद्देश्य यही है कि हर गाँव में संवाद हो, हर घर में सोच बदले, और हर महिला को यह भरोसा मिले कि राज्य उनके साथ है।”
इन चौपालों में विभागीय अधिकारियों के साथ स्थानीय पुलिस, आशा बहुएँ, आंगनबाडी कार्यकत्री, ग्राम प्रधान, तथा स्वयंसेवी संस्थाएँ भी भाग ले रही है। प्रत्येक चौपाल में स्थानीय महिलाओं और बालिकाओं को अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिल रहा है ताकि समाज में संवाद और सहानुभूति का वातावरण बने। इन कार्यक्रमों में विभागीय योजनाएँ जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, वन स्टॉप सेंटर, तथा समग्र महिला सुरक्षा पहले के बारे में भी संवाद किया जा रहा है जिससे ग्रामीण समुदायों तक सरकारी सेवाओं की पहुँच और भरोसा दोनों सुदृढ हो।
“जागरूकता चौपाल’ न केवल जानकारी का माध्यम है, बल्कि यह समाज में संवेदना, समानता और सम्मान की संस्कृति स्थापित करने का अभियान भी है। मिशन शक्ति के इस चरण में महिला सशक्तिकरण अब केवल नीति नहीं, बल्कि एक सतत सामाजिक आंदोलन बन चुका है जहाँ हर पंचायत, हर चौपाल से नारी गरिमा की आवाज बुलंद हो रही है। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा मिशन शक्ति के पांचवें चरण में दिनांक 22 सितम्बर 16 अक्टूबर, 2025 के मध्य कुल 15.50 लाख व्यक्तियों को जागरूक किया गया है जिसमें महिलायें पुरुष, बालक और बालिकायें सभी शामिल है।





