बोले — “प्रदेश में 16 लाख गौवंश को मिल रही सब्सिडी, गौ सेवा से ही कृषि समृद्धि संभव
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में गोवर्धन पूजा और गौ सेवा की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पर्व भारत की कृषि प्रधान व्यवस्था और गौवंश के महत्व का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने स्वयं गायों को चारा खिलाया और गौशाला में सेवा की। सीएम योगी ने कहा कि दीपोत्सव के पंचदिवसीय पर्व में गोवर्धन पूजा का विशेष स्थान है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि कृषि, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में गौवंश का संरक्षण और संवर्धन हमारी समृद्धि का आधार रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देशभर में गोवर्धन योजना के तहत गाय के गोबर से बायो-कंपोस्ट, बायोगैस और इथेनॉल बनाने की अभिनव योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे किसानों को गोबर का मूल्य मिल रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में वर्तमान में 16 लाख गौवंश ऐसे हैं जिनकी देखभाल के लिए राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है। इसका उद्देश्य किसानों की फसलों को नुकसान से बचाना और गौवंश को सुरक्षित आश्रय प्रदान करना है।” उन्होंने बताया कि इस दिशा में तीन प्रमुख योजनाएं लागू की गई हैं।
पहली योजना है निराश्रित गोशाला योजना, जिसके तहत प्रत्येक गाय पर 1500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। दूसरी है सहभागिता योजना, जिसमें यदि कोई किसान चार गायों को अपनाता है, तो उसे प्रति माह 6000 रुपये तक की सहायता दी जाती है। तीसरी योजना कुपोषित परिवारों के लिए है, जिसके अंतर्गत माताओं और बच्चों वाले परिवारों को गाय दी जाती है ताकि वे दूध प्राप्त कर पोषण सुधार सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश केवल धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक स्थिरता का आधार है। आज प्रदेश में लाखों किसान गोबर से आय अर्जित कर रहे हैं और कृषि-आधारित आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
