लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य में 25 लाख फर्जी मतदाता हैं और चुनाव आयोग (ECI) इस पर आंख मूंदे बैठा है। राहुल गांधी ने कहा कि कई वोटर लिस्ट में एक ही व्यक्ति की तस्वीर पर कई नाम दर्ज हैं। उन्होंने युवाओं और GenZ से अपील की कि वे “लोकतंत्र में हो रही गड़बड़ियों” को समझें।
राहुल गांधी ने कहा, “हमारे पास पक्के सबूत हैं कि हरियाणा में हर 8 में से 1 वोट फर्जी है। यह केवल निर्वाचन क्षेत्र का नहीं, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर का मामला है। कांग्रेस की भारी जीत को हार में बदला गया।”
इन आरोपों पर अब चुनाव आयोग के सूत्रों ने जवाब दिया है। आयोग ने कहा कि मतदाता सूची के विरुद्ध शून्य अपीलें दायर हुई हैं और 90 विधानसभा सीटों में से केवल 22 मामलों पर ही याचिकाएं लंबित हैं। आयोग ने सवाल उठाया — “कांग्रेस के पोलिंग एजेंट उस समय क्या कर रहे थे जब फर्जी मतदान की आशंका थी? अगर उन्हें शक था तो आपत्ति क्यों नहीं दर्ज की गई?”
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 2 अगस्त 2024 को सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थी। अंतिम सूची 27 अगस्त 2024 को प्रकाशित की गई। इस प्रक्रिया में 4.16 लाख दावे और आपत्तियाँ प्राप्त हुईं जिनका निस्तारण किया गया। आयोग ने कहा कि नाम वापसी की अंतिम तिथि तक सूची को अंतिम रूप दिया गया और सभी उम्मीदवारों को साझा किया गया था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) हरियाणा के अनुसार —
-
मतदान केंद्रों की कुल संख्या: 20,632
-
कुल उम्मीदवार: 1,031
-
मतदान एजेंटों की संख्या: 86,790
-
मतगणना के दौरान आपत्तियाँ: केवल 5
-
कुल चुनाव याचिकाएँ: 23
आयोग के सूत्रों ने यह भी कहा कि राहुल गांधी द्वारा दिखाए गए कुछ वीडियो क्लिप अधूरे हैं। जिन घरों के नंबर “जीरो” दिख रहे हैं, वे वे इलाके हैं जहाँ पंचायत या नगर निकायों ने अभी मकान नंबर जारी नहीं किए हैं।
राहुल गांधी के आरोपों ने देशभर में राजनीतिक बहस छेड़ दी है। कांग्रेस इस मुद्दे को संसद और सड़कों दोनों पर उठाने की तैयारी में है, वहीं चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के पक्ष में अपने दस्तावेज़ और आँकड़े सामने रख दिए हैं।





