निश्चय टाइम्स, लखनऊ। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज भुवनेश्वर में आयोजित भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के 84वें वार्षिक सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, लोक निर्माण मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, आईआरसी के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोरंजन परिदा और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। गडकरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इथेनॉल, मेथनॉल, बायो-एलएनजी, सीएनजी और हरित हाइड्रोजन के बढ़ते उत्पादन और उपयोग के कारण भारत ईंधन आयात करने वाले देश से ईंधन निर्यात करने वाले देश की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार की सड़क सुरक्षा के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता पर बल दिया, जिसमें उन्नत अभियांत्रिकी मानकों, इंटेलीजेंट परिवहन प्रणालियों और जनजागरूकता अभियानों के जरिए अधिक सुरक्षित और कुशल गतिशीलता सुनिश्चित की जा रही है।
सड़क अभियन्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी सटीकता और नवाचार क्षमता ही सटीक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने और निर्बाध व सुरक्षा-सुनिश्चित राजमार्गों के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राजमार्ग निर्माण में जैव-बिटुमेन और पुनर्चक्रित प्लास्टिक अपशिष्ट के उपयोग से सड़कों की मजबूती स्थायित्व और लागत-दक्षता में वृद्धि हुई है, साथ ही देश के पर्यावरण-अनुकूल अवसंरचना लक्ष्यों को भी सुदृढ़ करता है।
सरकार के विजन को दोहराते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य ऐसा विश्व-स्तरीय अवसंरचना तंत्र तैयार करना है जो नवाचार और सतत गतिशीलता समाधान पर आधारित है। उन्होंने आगे कहा कि यह परिवर्तनकारी दृष्टिकोण व्यापक रोज़गार के अवसर पैदा करेगा, अवसंरचना कौशल इकोसिस्टम को सशक्त बनाएगा और भारत को एक आत्मनिर्भर एवं सक्षम भविष्य की दिशा में अग्रसर करेगा।





