दिल्ली के लाल किला विस्फोट मामले ने देशभर में सनसनी फैला दी है। इस आतंकी हमले में गिरफ्तार हुई डॉक्टर शाहीन शाहिद को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। शाहीन के परिवार और पूर्व पति ने उसकी संलिप्तता पर अविश्वास जताया है।
शाहीन शाहिद के बड़े भाई मोहम्मद शोएब ने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनकी बहन किसी गैरकानूनी या आतंकी गतिविधि में शामिल हो सकती है। उन्होंने बताया कि पुलिस और एटीएस की टीम उनके घर पहुंची थी, घर की तलाशी ली गई और सामान्य सवाल-जवाब हुए। शोएब ने बताया कि पिछले चार साल से उनका शाहीन से कोई संपर्क नहीं था। माता-पिता कभी-कभी उसका हालचाल पूछ लेते थे, लेकिन व्यक्तिगत बातचीत बहुत समय से नहीं हुई थी।
शाहीन के पूर्व पति, डॉक्टर जफर हयात ने भी कहा कि शाहीन एक जिम्मेदार और प्यार करने वाली इंसान थी। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 2003 में हुई थी और 2012 में तलाक हो गया। हयात ने कहा, “वो अपने बच्चों से बहुत प्यार करती थी। कभी बुर्का नहीं पहनती थी, और हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं था।” उन्होंने बताया कि शाहीन ने एक बार बेहतर जीवन के लिए विदेश जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था क्योंकि वे भारत में ही खुश थे।
फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ी डॉक्टर शाहीन शाहिद को लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, शाहीन का नाम विश्वविद्यालय के ही एक अन्य प्रोफेसर डॉ. मुज़म्मिल गनई के साथ सामने आया, जिस पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों — जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद — से जुड़े होने के आरोप हैं।
जांच एजेंसियों का दावा है कि शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा जमात-उल-मोमिनात का नेतृत्व कर रही थी। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले इस नेटवर्क से अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी और करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए गए हैं।
शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी ने कहा कि उन्हें इस खबर से गहरा सदमा पहुंचा है। उन्होंने कहा, “मैं स्तब्ध हूं। शाहीन ने कभी किसी संदिग्ध व्यक्ति या संगठन का नाम नहीं लिया। वह प्रयागराज से मेडिकल पढ़ाई कर चुकी है और हमेशा अपने करियर में व्यस्त रही है।”





