लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर छह दिवसीय ‘जनजाति भागीदारी उत्सव’ का शुभारंभ किया। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ढोल और झांझ की मधुर धुन के बीच कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और देशभर से आए जनजातीय कलाकारों की प्रदर्शनी व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अवलोकन किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि धरती आबा की वीरता और बलिदान से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में घोषित किया है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अमूल्य योगदान दिया और मात्र 25 वर्ष की आयु में ब्रिटिश शासन की जेल में अपने प्राणों की आहुति दी। उनके संघर्ष और बलिदान ने आज भी देशभर के युवाओं को देशभक्ति और आत्मसम्मान की प्रेरणा दी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय गौरव पखवाड़ा (1-15 नवंबर) पूरे देश में मनाया जा रहा है ताकि आदिवासी समुदायों को सम्मान, पहचान और विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर काम कर रही है।
योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की और कहा कि यह आयोजन भारत की विविधता और एकता का प्रतीक है।





