व्यापक रणनीति, प्रबन्धन और जन जागरुकता का परिणाम रहा कि इस साल डेंगू और चिकनगुनिया के केसों में उलेखनीय कमी आई है | इस साल जनवरी से अब तक डेंगू के कुल 817 केस आये हैं जबकि पिछले साल यह संख्या 2754 थी | वहीँ चिकनगुनिया के अब तक 51 केस सामने आये हैं पिछले साल इसका संख्या 161 थी |
इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी.सिंह का कहना है कि यह सकारात्मक संकेत है | स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों, समुदाय, प्रशासन, मीडिया, सहयोगी संस्थाओं के समन्वित प्रयासों से डेंगू और चिकनगुनिया के केसों में कमी आई है | लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा दी गयी, विभाग द्वारा घर-घर सर्विलांस किया गया | स्रोतों को समाप्त किया गया | जनजागरूकता का परिणाम हुआ कि लोगों में व्यवहार परिवर्तन हुआ | उन्होने साफ सफाई रखी, जल जमाव को नियंत्रित किया जिससे मच्छरों को पनपने का अनुकूल वातावरण नहीं मिला और केसों में कमी आई |

इस साल अब तक 24.44 लाख घरों का सर्वे किया गया जिनमे से 3562 घरों में लार्वा पाया गया | कुल 52.61 लाख कंटेनरों का सर्वे किया जिनमें से 3991 कंटेनर में लार्वा पाए गए | मच्छर पनपने के 9586 स्रोत को समाप्त किया गया और 424 घरों को नोटिस जारी किये गए |
यह प्रयास हमें आगे भी जारी रखने हैं क्योंकि यदि लापरवाही बरतेंगे तो केस फिर से बढ़ेंगे | मुख्या चिकित्सा अधिकारी ने लोगों से अपील की कि वह विभाग का सहयोग करें | जमाव न होने दें और मच्छर न पनपने दें | बुखार होने पर स्वयं कोई दवा का सेवन न करें | पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जाँच और इलाज कराएँ | “हर रविवार –मच्छर पर वार” के सन्देश को अपनाएं , हर सप्ताह घर में साफ सफाई करें, गमले की प्लेटें, फ्रिज की ट्रे का पानी बदलें | घर के कबाड़ को फेंके जहाँ पानी एकत्र हो सकता है | मच्छरदानी लगाकर सोयें, पूरी बांह के कपड़े पहने |





