मशहूर लोक गायिका और अब राजनीति में सक्रिय चेहरा, मैथिली ठाकुर, इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी शानदार जीत और सबसे कम उम्र की MLA बनने के कारण सुर्खियों में हैं। 25 साल की उम्र में यह उपलब्धि अपने आप में ऐतिहासिक है, लेकिन उनके जीवन की कहानी इससे कहीं अधिक प्रेरक है। बहुत कम लोगों को पता है कि एक समय ऐसा भी था जब मैथिली सिर्फ 2 वोट से एक बड़ा रियलिटी शो हार गई थीं, लेकिन उसी हार ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई।
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार में हुआ। वे मात्र 4 साल की उम्र से ही संगीत से जुड़ गईं थीं। इसी उम्र में उनके परिवार ने उनकी प्रतिभा को पहचान लिया था। कुछ ही समय बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया, जहां उनके दादा ने उन्हें संगीत की शिक्षा देना शुरू की। शुरुआत में मैथिली जागरण और छोटे-छोटे संगीत आयोजनों में गाती थीं, जिससे उनकी आवाज ने धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल की।
अपनी पहचान बनाने के लिए मैथिली ने कई रियलिटी शोज में हिस्सा लिया। 11 साल की उम्र में वे जी टीवी के सिंगिंग शो लिटिल चैम्प्स का हिस्सा बनीं। इसके बाद वे इंडियन आइडल जूनियर में नजर आईं, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाई।
2016 में मैथिली ने ‘जीनियस यंग सिंगिंग कॉम्पटीशन’ जीतकर अपना पहला म्यूजिक एल्बम ‘यह रब्बा’ लॉन्च किया। लेकिन 2017 में आया वह क्षण जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, रियलिटी शो राइजिंग स्टार के पहले सीजन में मैथिली ठाकुर सिर्फ 2 वोट से हार गई थीं और फर्स्ट रनर-अप बनीं। हालांकि वे जीत नहीं पाईं, लेकिन पूरे हिंदुस्तान ने उसी शो के बाद उनकी आवाज को पहचाना और उन्हें लाखों लोगों का प्यार मिला।
राइजिंग स्टार के बाद मैथिली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर परफॉर्म किया और अपनी लोक गायिकी को नई पहचान दिलाई। वर्ष 2021 में उन्हें लोकमत सुर ज्योत्सना नेशनल म्यूजिक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
आज मैथिली केवल एक गायिका नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी हैं। इसी लोकप्रियता ने उन्हें बिहार की राजनीति में मजबूती दी और वे भारी वोटों से जीतकर सबसे कम उम्र की विधायक बन गईं। उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि कभी-कभी छोटी सी हार आगे चलकर बहुत बड़ी जीत का रास्ता खोल देती है।





