बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़े बदलाव के संकेत दिखने लगे हैं। राज्य में नई सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो चुकी है, और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं। अगले 48 घंटे बिहार की राजनीति के लिए बेहद अहम बताए जा रहे हैं, क्योंकि सोमवार से कई बड़ी राजनीतिक बैठकों का दौर शुरू होने जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार सोमवार देर शाम या मंगलवार सुबह तक अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद वे नई सरकार के शपथ ग्रहण होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका में रहेंगे। इस बीच सरकार गठन से जुड़ी प्रक्रियाएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। JDU भी सोमवार को अपने सभी विधायकों की बैठक बुला सकती है। यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसी में आगे की रणनीति तय होगी। नीतीश कुमार सोमवार को अपनी कैबिनेट की एक अहम—और संभवतः अंतिम—बैठक भी कर सकते हैं। कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद उनके राजभवन जा कर इस्तीफा देने की पूरी संभावना है।
बीजेपी विधायक दल की बैठक भी प्रस्तावित
बीजेपी की ओर से सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है। इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति आज शाम या कल सुबह तक हो सकती है। बीजेपी और JDU दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं ताकि नई सरकार के गठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद NDA विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी। इस बैठक में नीतीश कुमार को एक बार फिर NDA विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद वे दोबारा राजभवन जाकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
वर्तमान 17वीं विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में 18वीं विधानसभा के गठन और नई सरकार के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया इससे पहले पूरी करना अनिवार्य है।
गौरतलब है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। बीजेपी 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि जदयू को 85 सीटें मिलीं।





