बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। कुल 243 सीटों वाली विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (BSP) को सिर्फ 1 सीट मिलने के बाद पार्टी सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अपने बयान में मायावती ने दावा किया कि अगर चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होता, तो BSP कई और सीटों पर जीत दर्ज कर सकती थी।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा कि बिहार में जनता का समर्थन BSP के साथ साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन मतगणना प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएँ देखने को मिलीं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही, और मतगणना के दौरान बार-बार वोट गिनने के बहाने बसपा उम्मीदवारों को हराने की कोशिश की गई।
उन्होंने विशेष रूप से कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट का जिक्र किया, जहाँ BSP उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव ने कड़ी टक्कर के बाद जीत दर्ज की। मायावती ने सतीश कुमार को जीत की बधाई देते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मजबूती और धैर्य ने विरोधियों का षड्यंत्र सफल नहीं होने दिया। उनके शब्दों में—“प्रशासन और विरोधी दलों ने पूरी कोशिश की कि बसपा उम्मीदवार को हराया जाए, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं के डटे रहने से साज़िश नाकाम हुई।”

मायावती ने यह भी कहा कि बिहार के कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में BSP उम्मीदवारों ने बेहद मजबूत प्रदर्शन किया और जनता की प्रतिक्रिया स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में दिखाई दे रही थी। लेकिन, उनके अनुसार, चुनाव प्रक्रिया के निष्पक्ष न होने के कारण वे सीट नहीं जीत सके।
उन्होंने दावा किया कि यदि मतदान और मतगणना पूरी तरह पारदर्शी और बिना किसी दखल के होती, तो बसपा को कई सीटों पर सफलता मिल सकती थी। अपने संदेश में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की और भविष्य में मजबूत राजनीतिक रणनीति बनाने के संकेत भी दिए। मायावती का यह बयान बिहार की राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ रहा है। जहाँ एक ओर उनके आरोप विपक्ष को एकजुट करने का आधार बन सकते हैं, वहीं एनडीए इसे आधारहीन बताते हुए खारिज कर रहा है।





