सही मायनों में भारतीय पदक उम्मीदों में इस बार महिला शक्ति का योगदान कहीं अहम रहने की संभावना है.
इन भारतीय खिलाड़ियों में वेटलिफ्टर मीराबाई चानू, पिछले दो ओलंपिक खेलों की पदक विजेता पीवी सिंधु, मुक्केबाज़ निकहत ज़रीन, महिला पहलवान अंतिम पंघाल और निशानेबाज़ सिफत कौर सामरा शामिल हैं.
इस ओलंपिक में शामिल वेटलिफ़्टर्स में मीराबाई चानू से बेहतर प्रदर्शन करने वालीं सिर्फ़ एक वेटलिफ्टर ही हैं. इसलिए वह लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतने की दावेदार हैं.
टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू हांगझू में चोटिल होने की वजह से पदक नहीं जीत सकी थीं.
वह एशियाई खेलों से जब दिल्ली एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर पर उतरीं तो उनके स्वागत के लिए कोई नहीं था. उन्होंने उस समय ही तय कर लिया था कि वह जब पेरिस ओलंपिक से लौटेंगी तो उनके गले में पदक होगा.
मीराबाई चानू भारत की सबसे सफल महिला वेटलिफ्टर हैं. वह ओलंपिक रजत के अलावा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत, कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं.
मीराबाई अपने ग्रुप में शामिल 12 वेटलिफ्टरों में इकलौती हैं, जो 200 किलो के वज़न को पार करती हैं.
मीराबाई स्नैच में 90 किलो और क्लीन एंड जर्क में 115 किलो के साथ कुल 205 किलो वज़न उठा रही हैं. इस प्रदर्शन पर पदक तो पक्का है. वह अगर अपने स्नैच के प्रदर्शन में पांच किलो का सुधार कर सकें तो गोल्ड भी आ सकता है.

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.