उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती 2019 को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह अभ्यर्थियों की नए सिरे से चयन सूची जारी करे। इस आदेश के तहत सामान्य श्रेणी की मेरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में माइग्रेट किया जाएगा। इसके साथ ही, 6,800 आरक्षित अभ्यर्थियों की चयन सूची को भी खारिज कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। 1 जून 2020 को जारी की गई चयन सूची और 5 जनवरी 2022 को जारी की गई 6,800 अभ्यर्थियों की सूची पर आपत्ति जताई गई थी। कोर्ट ने अब सरकार को आदेश दिया है कि वह इन सूची को दरकिनार कर तीन महीने के अंदर नई चयन सूची जारी करे।
कोर्ट का आदेश:
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुनाया, जो आज कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध हुआ। कोर्ट ने 90 विशेष अपीलों को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है। डबल बेंच ने 13 मार्च 2023 के सिंगल बेंच के आदेश को संशोधित करते हुए सरकार को नई चयन सूची बनाने के लिए कहा है।
नई चयन सूची के नियम:
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि नई चयन सूची सर्विस रूल 1981 के नियम 14 के तहत बनाई जाए। इसके साथ ही, आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 3(6) के तहत आरक्षण नियमों का पालन किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी कार्यरत सहायक शिक्षक पर इस फैसले का विपरीत असर पड़ता है, तो उन्हें मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े।
हजारों टीचर्स की नौकरी पर खतरा:
कोर्ट के इस आदेश से उत्तर प्रदेश में हजारों शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब सभी की नजरें सरकार पर टिकी हैं कि वह किस तरह से इस मामले को सुलझाती है और नई चयन सूची जारी करती है। आने वाले तीन महीने इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि इस दौरान सरकार को नई चयन सूची जारी करनी है।

Author: Sweta Sharma
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