महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। एक प्रसिद्ध स्कूल के टॉयलेट में सफाईकर्मी द्वारा दो छोटी बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस घृणित अपराध के बाद शहर में गुस्से की लहर दौड़ गई है, और लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
पीड़ित परिवार की मांग और शहर बंद का आह्वान
पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने अपराधी के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए बदलापुर शहर को बंद करने का आह्वान किया है। इस अपील के बाद, मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग रेलवे पटरियों पर प्रदर्शन करने के लिए उतर आए, जिससे कल्याण और करजत के बीच लोकल ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया।
स्कूल में सुरक्षा की गंभीर चूक और प्रबंधन की कार्रवाई
घटना के बाद स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्कूल ने छात्रों की सुरक्षा में गंभीर चूक को स्वीकार करते हुए प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, दोनों बच्चियों की कक्षा के प्रभारी शिक्षक और शौचालय तक ले जाने के लिए जिम्मेदार दो अटेंडेंट को भी बर्खास्त कर दिया गया है। स्कूल ने आरोपी सफाईकर्मी को काम पर रखने वाली कंपनी के साथ अपना अनुबंध भी समाप्त कर दिया है और ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
सरकार की त्वरित कार्रवाई और एसआईटी जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना का संज्ञान लेते हुए कहा, “मैंने बदलापुर की घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है। इस मामले में एक एसआईटी पहले ही गठित की जा चुकी है, और हम उस स्कूल के खिलाफ भी कार्रवाई करने जा रहे हैं जहां यह घटना हुई थी।”
प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप और पुलिस की भूमिका पर सवाल
लोगों के उग्र प्रदर्शन के बीच पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप है कि जब बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना हुई, तो पुलिस ने 12 घंटे से भी अधिक समय तक एफआईआर दर्ज नहीं की। इस लापरवाही के चलते बदलापुर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया है।
आगे की कार्रवाई और जांच
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए एक टीम बदलापुर भेजने का निर्णय लिया है। वहीं, पुलिस और प्रशासन ने दोषियों को जल्द से जल्द कानून के कठघरे में खड़ा करने की बात कही है।
बदलापुर की इस घटना ने एक बार फिर से समाज और प्रशासन के सामने बच्चों की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि एसआईटी की जांच और सरकार की कार्रवाई से पीड़ित परिवार को कब और कैसे न्याय मिलता है।

Author: Sweta Sharma
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