मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में दुष्कर्म पीड़िता नर्स की हालत बिगड़ती जा रही है। घटना के बाद से ही पीड़िता ने खाना-पीना बंद कर दिया है और अधिकांश समय अपने कमरे में कैद रहती है। वह बार-बार सिर्फ यही कहती है, “अब बाहर कैसे जाऊंगी?” इस मानसिक तनाव ने पीड़िता को इतना प्रभावित किया कि बुधवार रात उसकी हालत बेहद खराब हो गई। उसे सांस लेने में भी कठिनाई होने लगी, जिसके बाद परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी।
पैनिक अटैक का सामना
पीड़िता की गंभीर हालत के मद्देनजर ठाकुरद्वारा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राजीव चौधरी ने नर्स के गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। बेहोशी की हालत में पीड़िता को उत्तराखंड के काशीपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे पैनिक अटैक से ग्रस्त पाया। उपचार के बाद अब उसकी स्थिति में थोड़ा सुधार है। सीओ राजेश कुमार ने भी पीड़िता की बिगड़ती हालत की पुष्टि की और कहा कि फिलहाल उसकी हालत स्थिर है।
घटना का विवरण और कानूनी कार्रवाई
इस गंभीर घटना के संबंध में पीड़िता के पिता ने 18 अगस्त को ठाकुरद्वारा थाने में मामला दर्ज कराया था। उनके अनुसार, उनकी बेटी पिछले दस महीनों से ठाकुरद्वारा के एक निजी अस्पताल में नर्स का काम कर रही थी। 18 अगस्त की रात को नर्स मेहनाज ने उसे बताया कि अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर डॉ. शाहनवाज उसे बुला रहे हैं। पीड़िता के इंकार करने पर वार्ड बॉय जुनैद ने उसे जबरन खींच कर ले गया, जहां डॉक्टर ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
इस मामले की जांच सीओ ठाकुरद्वारा राजेश कुमार कर रहे हैं, और डीजीपी कार्यालय से भी इस मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि एसपी देहात की निगरानी में केस की विवेचना हो रही है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट प्राप्त होते ही चार्जशीट अदालत में पेश की जाएगी।






