नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियों ने कमरकस तैयारी कर ली है। तो वहीं कांग्रेस ने नेशनल कान्फ्रेंस से गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को पहले जैसा ही बनाने की सोच रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर को धारा 370 से मुक्त करवाया गया है। कांग्रेस ने 60 साल सत्ता संभालने के बावजूद जम्मू-कश्मीर को लोगों की हालत पर रहम नहीं किया। उन्हें आतंकवाद की आग में झुलसना पड़ा। वहां इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था तरस खाने योग्य थी। देश की कांग्रेस के शासन काल में पीछे धकेला गया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन संभालते ही देश की प्रगति और समृद्धि के संकल्प से दिन-रात कार्य किया। विश्व में भारत की ताकत को मजबूत किया। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद विकास की क्रांति आई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को स्वर्ग बनाने के संकल्प से विकास की बहार पहुंचाई। जम्मू-कश्मीर की जनता कांग्रेस और एनसी गठबंधन की जमानत जब्त करने की तैयारी बना रही है। योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा कि क्या उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर के लिए फिर से अलग झंडे की घोषणा का समर्थन करेगी? उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या कांग्रेस धारा 370 और अनुच्छेद 35A की बहाली के जरिए जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के दौर में धकेलने के NC के प्रस्ताव का समर्थन करेगी?
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि इस गठबंधन से कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस दलितों, गुर्जरों, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के आरक्षण को समाप्त करने के NC के फैसले का समर्थन करेगी? योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह पाकिस्तान के साथ एलओसी ट्रेड फिर से शुरू करने के पक्ष में है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है।
सीएम योगी से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक दिन पहले इसे लेकर जमकर निशाना साधा था। अमित शाह ने कहा था कि सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है।





