नई दिल्ली। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पंचक को अशुभ दिनों में गिना जाता है, इसलिए इन दिनों में कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। हर माह में पंचक लगते हैं, और इसी प्रकार सितंबर 2024 में भी पंचक के दिन आ रहे हैं। चलिए जानते हैं कि इस महीने पंचक कब से कब तक रहेंगे और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार के अशुभ परिणाम से बचा जा सके।
सितंबर 2024 में पंचक का समय
पंचांग के अनुसार, सितंबर 2024 में पंचक का आरंभ सोमवार, 16 सितंबर को प्रातः 5 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है और यह गुरुवार, 19 सितंबर को सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। यानी, 16 से 19 सितंबर तक पंचक की अवधि रहेगी।
पंचक क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक 27 दिनों के बाद पंचक लगते हैं। जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद, और रेवती नक्षत्र में प्रवेश करता है, उस समय को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा को इन नक्षत्रों में विचरण करने में लगभग 5 दिन का समय लगता है, इसलिए इस अवधि को पंचक के नाम से जाना जाता है। पंचक को किसी भी प्रकार के शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है। इस दौरान किए गए किसी भी शुभ कार्य के अशुभ परिणाम मिल सकते हैं, इसलिए पंचक की अवधि में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
पंचक के दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए?
पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने से बचना चाहिए, जिनमें शामिल हैं:
- विवाह और मांगलिक कार्य: पंचक के दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण जैसे शुभ कार्यों से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इन दिनों में इन कार्यों का शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता और यह भविष्य में कष्ट का कारण बन सकता है।
- पैसों के लेन-देन: पंचक के दौरान पैसों के लेन-देन से जुड़े कार्यों में भी सावधानी बरतनी चाहिए। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान पैसे उधार देने या लेने से आर्थिक हानि हो सकती है।
- नए काम की शुरुआत: पंचक के दिनों में किसी नए काम की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए। जैसे कि नया व्यापार, नए घर की खरीदारी या किसी भी प्रकार का नया निवेश।
- यात्रा: पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करना भी अशुभ माना जाता है। यदि अत्यंत आवश्यक हो तो पहले कुछ कदम पीछे मुड़कर फिर दक्षिण दिशा में यात्रा शुरू करनी चाहिए, ऐसा करने से पंचक दोष का निवारण होता है।
- चारपाई और छत के निर्माण: पंचक की अवधि में चारपाई बनवाने या छत ढलवाने जैसे कार्यों की भी मनाही होती है। कहा जाता है कि पंचक में इन कार्यों को करने से व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पंचक के दौरान क्या करना चाहिए?
पंचक के दौरान कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें करने की सलाह दी जाती है ताकि इस अवधि के दोषों से बचा जा सके:
- दुर्गा पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ: पंचक के दौरान दुर्गा पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को मन की शांति मिलती है और पंचक के अशुभ प्रभावों से बचाव होता है।
- दान: इस अवधि में गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और अशुभ प्रभाव कम होते हैं। विशेष रूप से अन्न, वस्त्र, और धन का दान पंचक में अत्यंत फलदायी माना जाता है।
- उपवास: पंचक के दौरान उपवास रखने से भी पंचक दोष का निवारण होता है। धार्मिक ग्रंथों में पंचक में उपवास रखने की महिमा का वर्णन किया गया है।
पंचक के दौरान सुरक्षा और सावधानियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पंचक के दौरान अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो अशुभ परिणामों से बचा जा सकता है। हालांकि, यह सब मान्यताओं और विश्वास पर आधारित है, इसलिए अपने विवेक का प्रयोग करें और किसी भी धार्मिक निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
अस्वीकरण
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पंचक के दिनों में इन सावधानियों का पालन कर आप किसी भी प्रकार के अनिष्ट से बच सकते हैं। हमेशा याद रखें कि किसी भी प्रकार का निर्णय लेते समय विवेक और समझदारी का परिचय दें।
