नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के सबसे युवा चेयरमैन बन गए हैं। जय शाह ने ग्रेग बार्कले की जगह ली है, जिनका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है। बार्कले ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए नहीं लड़ने का निर्णय लिया था, जिससे जय शाह का चेयरमैन बनना लगभग तय हो गया था।
भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक क्षण
जय शाह, जो वर्तमान में 35 वर्ष के हैं, ICC के अध्यक्ष बनने वाले पांचवें भारतीय हैं। उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर ICC के चेयरमैन रह चुके हैं। जगमोहन डालमिया पहले एशियाई ICC अध्यक्ष थे, जिन्हें 1997 में चुना गया था। शरद पवार 2010 से 2012 तक इस पद पर रहे, जबकि एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर ने भी इस भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
निर्विरोध चुने गए जय शाह
जय शाह को ICC के अगले स्वतंत्र चेयरमैन के रूप में निर्विरोध चुना गया है। उन्होंने अक्टूबर 2019 से BCCI सचिव और जनवरी 2021 से एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। 1 दिसंबर, 2024 को वे ICC के चेयरमैन पद ग्रहण करेंगे। जय शाह को निर्विरोध चुना जाना उनकी नेतृत्व क्षमता और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनके योगदान को दर्शाता है।
शाह की प्राथमिकताएं
जय शाह ने अपनी नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा, “मैं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के रूप में नामांकन से अभिभूत हूं। मेरा लक्ष्य क्रिकेट को और अधिक वैश्वीकृत करना और इसे नए वैश्विक बाजारों में प्रस्तुत करना है। हमें खेल को पहले से कहीं अधिक लोकप्रिय बनाना है और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर देना है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं जहां कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व को संतुलित करना और हमारे प्रमुख कार्यक्रमों को नए वैश्विक बाजारों में पेश करना आवश्यक हो गया है।”
भारतीय क्रिकेट की नई ऊँचाईयां
जय शाह की नियुक्ति भारतीय क्रिकेट के लिए एक गर्व का पल है। इससे पहले चार भारतीयों ने ICC के अध्यक्ष के रूप में काम किया है और जय शाह की नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह और मजबूती से बना रहा है। यह न केवल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
जय शाह का इस पद पर निर्विरोध चुना जाना इस बात का संकेत है कि ICC के सदस्य देशों ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर विश्वास जताया है। उनका विज़न और उनकी प्रतिबद्धता से उम्मीद की जा रही है कि वे क्रिकेट को नए स्तर पर ले जाने में सफल होंगे।
भारतीय क्रिकेट में भविष्य की संभावनाएं
जय शाह की नियुक्ति के साथ ही भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर कई उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। उनके नेतृत्व में क्रिकेट को और अधिक वैश्वीकृत करने की उम्मीद की जा रही है, जिससे भारत और अन्य क्रिकेट खेलने वाले देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे। इसके अलावा, ICC के चेयरमैन के रूप में उनकी भूमिका में भारतीय क्रिकेट की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।
जय शाह का ICC के चेयरमैन के रूप में निर्विरोध चुना जाना भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लिए बल्कि पूरे क्रिकेट समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जय शाह के नेतृत्व में, उम्मीद है कि क्रिकेट को और भी अधिक वैश्विक और लोकप्रिय खेल के रूप में स्थापित किया जाएगा। उनकी नियुक्ति भारतीय क्रिकेट के लिए नए युग की शुरुआत को दर्शाती है, जो खेल के भविष्य को और भी उज्ज्वल बनाएगी।
