उत्तर प्रदेश के कासगंज में अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड में पुलिस ने चार आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों का चिकित्सीय परीक्षण कराने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 10 दिन की रिमांड मंजूर की। इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर अधिवक्ता शनिवार को भी हड़ताल पर रहे। अभी दो नामजद आरोपी फरार हैं।
अधिवक्ता मोहिनी तोमर 3 सितंबर मंगलवार की दोपहर में 2 बजे के बाद जिला न्यायालय से लापता हो गई थीं। 4 सितंबर की शाम करीब 6:30 बजे रेखपुर माइनर में महिला का अर्द्धनग्न अवस्था में शव मिला। शव फूला हुआ था और चेहरा काफी खराब हो चुका था। इसलिए शव की शिनाख्त पति बृजतेंद्र तोमर व मृतका की बहन रजनी ने हाथ पर कट के निशान व कंगन से मोहिनी तोमर के रूप में की।
सोरोंजी के एक युवक का हत्यारोपियों में दो के साथ क्रिकेट खेलते समय विवाद हुआ था। आरोपियों की पिटाई से घायल हुए युवक के केस की पैरवी मोहिनी तोमर कर रहीं थीं। महज इसी बात पर उनकी हत्या कर दी गई।
अधिवक्ता मोहिनी तोमर की हत्या में जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा है, उनमें से दो आरोपी हैदर मुस्तफा व सलमान मुस्तफा से सोरोंजी में एक क्रिकेट मैच खेलने के दौरान वहां के स्थानीय युवक शिवशंकर का विवाद हो गया था। इस विवाद के बाद जब 30 जुलाई को सोरोंजी निवासी शिवशंकर एक केस की तारीख में कोर्ट आया, तो परिसर में हैदर व सलमान ने अपने साथियों के साथ मिलकर शिवशंकर की जमकर पिटाई की थी।
शिवशंकर ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मुकदमे में अधिवक्ता मोहिनी तोमर शिवशंकर की अधिवक्ता बनकर केस की पैरवी कर रही थीं। मोहिनी तोमर के पति बृजेंद्र तोमर का आरोप है कि इसी मुकदमे में हत्यारोपियों द्वारा लगातार मोहिनी तोमर को धमकियां दी जा रही थीं। वह राजीनामा कराने के लिए दबाव बना रहे थे। जबकि मोहिनी तोमर इस केस को हाईकोर्ट ले जाना चाहती थीं। जब मोहिनी दबाव में नहीं आई तो आरोपियों ने उनकी हत्या कर दी।
वादी शिवशंकर ने बताया कि क्रिकेट मैच में हैदर व सलमान की टीम हार गई थी। उनकी टीम ने वहां गाली-गलौज शुरू कर दी थी। फिर मामला शांत हो गया। इसके बाद जब वह 30 जुलाई को न्यायालय में अपनी तारीख करने गए, तो हैदर और सलमान ने अन्य साथियों के साथ मिलकर मेरी जमकर पिटाई की थी।
मेरी तरफ से इस केस में अधिवक्ता मोहिनी तोमर पैरवी कर रही थीं। हम इस मामले को उच्च न्यायालय ले जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इससे पहले ही यह घटना घटित हो गई। शिवशंकर ने कहा कि वह पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी सुरक्षा की भी मांग करेंगे।





