बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक था, न कि जहर, जैसा कि उनके परिजनों ने आरोप लगाया था। यह रिपोर्ट प्रशासन द्वारा शासन को भेजी गई है, जिसमें जेल में जहर दिए जाने की आशंका को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।
मौत की वजह हार्ट अटैक
मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उनके परिजनों ने आरोप लगाया था कि मुख्तार को जेल में जहर देकर मारा गया है। हालाँकि, पोस्टमार्टम और बिसरा जांच रिपोर्ट में पहले ही यह स्पष्ट हो चुका था कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी और जहर की कोई पुष्टि नहीं हुई थी।
मजिस्ट्रेट जांच की पुष्टि
परिजनों के आरोपों के बाद शासन के आदेश पर मजिस्ट्रेटी और न्यायिक जांच बैठाई गई। इस जांच की जिम्मेदारी एडीएम (वित्त) राजेश कुमार को सौंपी गई थी। करीब पांच महीने तक चली इस जांच में जेल अधिकारियों, कर्मचारियों, और डॉक्टरों सहित करीब 100 लोगों के बयान लिए गए। इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बिसरा जांच, जेल के सीसीटीवी फुटेज, बैरक और खाने की जांच भी की गई।
परिजनों के आरोप खारिज
जांच में यह साफ हो गया कि मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक था, और जहर देकर मारने का आरोप बेबुनियाद था। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि जहर देने का आरोप लगाने वाले बयान या साक्ष्य पेश करने के लिए कोई सामने नहीं आया।
जांच रिपोर्ट शासन को भेजी
मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट को 6 सितंबर को शासन को भेज दिया गया है, जिससे यह मामला अब लगभग साफ हो गया है। मुख्तार अंसारी की मौत पर लगाए गए जहर के आरोपों को खारिज कर दिया गया है, और हार्ट अटैक को ही उनकी मृत्यु का असली कारण माना जा रहा है।
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उत्पन्न विवाद और सवालों के बावजूद अब इस रिपोर्ट के बाद स्थिति साफ हो गई है, जिससे इस मामले पर लगाए गए आरोपों की भी सत्यता सामने आ गई है।
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Author: Sweta Sharma
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