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एक देश-एक चुनाव’ को कैबिनेट की मंजूरी: शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयक

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ‘एक देश-एक चुनाव’ (One Nation One Election) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। केंद्रीय कैबिनेट ने उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जिसमें इस प्रणाली के कई लाभों का उल्लेख किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह विधेयक आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की है। इसके साथ ही, 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की भी बात कही गई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट मार्च में लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले ही प्रस्तुत कर दी थी, जिसे अब कैबिनेट के सामने रखा गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “कोविंद समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन मिला है। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया है और सरकार अब इसे अमल में लाने के लिए सर्वसम्मति बनाने का प्रयास करेगी।”

लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव

समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है, जिससे संसाधनों की बचत होगी और चुनावी प्रक्रिया अधिक प्रभावी और सुचारू हो सकेगी। समिति का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से विकास, सामाजिक सामंजस्य और लोकतांत्रिक ढांचे की नींव को मजबूती मिलेगी।
समिति ने सुझाव दिया कि इससे ‘इंडिया, जो भारत है’ की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, चुनावी खर्च में कमी आएगी और सरकारी कामकाज में स्थिरता बनी रहेगी, क्योंकि बार-बार चुनावों से प्रशासनिक बाधाएं उत्पन्न होती हैं।

एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र की सिफारिश

समिति ने एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की सिफारिश भी की है। फिलहाल, भारत का चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों की देखरेख करता है, जबकि नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव राज्य चुनाव आयोगों द्वारा कराए जाते हैं। समिति का मानना है कि एकसमान मतदाता सूची और पहचान पत्र होने से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और संगठित होगी।

संविधान संशोधन और अन्य सुधार

समिति ने अपनी रिपोर्ट में 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की है, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं से समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, कुछ संवैधानिक संशोधनों के लिए संसद में विधेयक पारित करना जरूरी होगा। इसके अलावा, विधि आयोग भी अपनी रिपोर्ट जल्द पेश करेगा, जिसमें इस प्रणाली के लिए आवश्यक कानूनों और प्रक्रियाओं पर चर्चा होगी।

2029 तक लागू हो सकती है प्रणाली

सूत्रों के मुताबिक, विधि आयोग 2029 से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। इसके साथ ही, त्रिशंकु सदन (Hung Parliament) जैसी स्थितियों से निपटने के लिए “यूनिटी गवर्नमेंट” का प्रावधान किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से इस विचार के समर्थक रहे हैं और उन्होंने बार-बार कहा है कि एक साथ चुनाव कराने से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि सरकारों को अधिक स्थिरता और मजबूती भी मिलेगी।

क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’ का उद्देश्य?

‘एक देश, एक चुनाव’ का उद्देश्य देश में एक ही समय पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराना है, ताकि बार-बार चुनाव कराने के खर्च और प्रशासनिक अड़चनों से मुक्ति पाई जा सके। इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया सुगम होगी, बल्कि विकास कार्यों पर भी अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
इसके समर्थकों का मानना है कि यह प्रणाली देश में राजनीतिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देगी, जबकि आलोचकों का कहना है कि यह संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकारों को कमजोर कर सकती है।

आगे की राह

सरकार अब इस प्रस्ताव को शीतकालीन सत्र में संसद के समक्ष पेश करेगी, जिसके बाद इस पर संसद में चर्चा होगी। इसके साथ ही, राज्यों और विभिन्न राजनीतिक दलों से सहमति बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
केंद्र सरकार का उद्देश्य 2024 के आम चुनावों से पहले इस विधेयक को पारित करवाना है, ताकि आने वाले चुनावों में ‘एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था को लागू किया जा सके। अब यह देखना होगा कि इस पर राजनीतिक दलों और जनता की प्रतिक्रिया कैसी रहती है और यह विधेयक कितनी जल्दी कानून का रूप ले पाता है।
‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर सरकार की यह पहल चुनावी प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकती है। अगर यह योजना सफल होती है, तो इससे भारत की चुनावी प्रक्रिया को और अधिक संगठित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा, जिससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होंगी।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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