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रायबरेली में पागल सियार का आतंक, बच्चे समेत दो लोग घायल

रायबरेली: लालगंज कोतवाली क्षेत्र के मीठापुर गांव में पागल सियारों का आतंक देखने को मिला, जिससे गांव में दहशत का माहौल बन गया है। मंगलवार सुबह हुई इस घटना में तीन सियारों ने गांव के विभिन्न हिस्सों में हमला किया, जिसमें एक 10 वर्षीय बच्चा और 22 वर्षीय युवक घायल हो गए। इसके अलावा, सियारों ने एक गाय, एक भैंस और एक कुत्ते पर भी हमला किया। ग्रामीणों ने मिलकर एक सियार को मार गिराया, जबकि दो सियार जंगल की ओर भाग निकले। घटना के बाद गांव में भय का माहौल है, और ग्रामीण वन विभाग की कार्यवाही न होने से नाराज हैं।
बच्चे पर सियार का हमला
घटना की शुरुआत सुबह तब हुई, जब गांव के निवासी दुर्गेश के 10 वर्षीय बेटे राज पर अचानक एक सियार ने हमला कर दिया। उस समय राज घर के अंदर नहा रहा था, और दरवाजा खुला हुआ था। सियार ने घर में घुसकर उस पर हमला किया। चीख-पुकार सुनकर घर के लोग दौड़े, लेकिन सियार राज को छोड़कर भाग निकला। इससे राज के शरीर पर गहरे जख्म हो गए।

ग्रामीणों ने की घेराबंदी, एक सियार मार गिराया
सियारों का हमला यहीं नहीं रुका। थोड़ी ही देर बाद रास्ते में जा रहे अमर बहादुर (22) को भी सियार ने काट लिया, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गई। इसके बाद, सियार ने एक गाय, भैंस और कुत्ते पर हमला किया। गांव के लोग लाठी-डंडे लेकर एकत्रित हुए और तीनों सियारों की घेराबंदी की। उनमें से एक सियार को गांव के किनारे बाग में पीट-पीटकर मार डाला, जबकि बाकी दो सियार जंगल की तरफ भाग निकले।
गांव में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद से गांव में भय और दहशत का माहौल है। विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों में डर बना हुआ है। सियारों के इस हमले ने ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया है, और लोग घर से बाहर निकलने से भी घबरा रहे हैं।
वन विभाग की टीम पर आक्रोश
घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वन विभाग की टीम घटनास्थल पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि वन विभाग समय पर पहुंचता, तो बाकी दो सियारों को भी पकड़कर गांव को इस खतरे से मुक्त किया जा सकता था।

वन्यजीव विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, पागल सियारों का हमला कई बार जंगली जानवरों में संक्रमण या भूख की वजह से होता है। इस तरह के मामलों में तेजी से कार्यवाही की जानी चाहिए, ताकि जंगली जानवरों को आबादी से दूर रखा जा सके।
घायलों की स्थिति
घायलों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, दोनों घायलों की हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें एहतियातन रेबीज का टीका लगाया गया है। पशुओं को भी मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया है।
वन विभाग से कार्यवाही की मांग
ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द से जल्द बाकी बचे सियारों को पकड़ने और गांव को सुरक्षित बनाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इन जानवरों को नियंत्रित नहीं किया गया, तो और भी लोगों और पशुओं को नुकसान हो सकता है।
रायबरेली के इस गांव में सियारों के हमले ने लोगों के बीच चिंता और डर का माहौल पैदा कर दिया है। अब सबकी निगाहें वन विभाग की कार्यवाही पर टिकी हैं, ताकि गांव में सामान्य स्थिति बहाल हो सके।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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