देवरिया जिले के सुरौली थाना क्षेत्र के परसा जंगल गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मानसिक रूप से बीमार एक महिला, जो रात के समय भटकते हुए गांव पहुंची, को चोर समझकर ग्रामीणों ने बेरहमी से पीट दिया। मामला यहीं नहीं थमा, अगले दिन पूर्व ग्राम प्रधान ने उस महिला और उसके पति को घर से जबरन उठा लिया, दोनों को पेड़ से बांधा और गर्म लोहे की रॉड से कई जगहों पर दाग दिया।
मामला 13 और 14 सितंबर का
13 सितंबर की रात, मानसिक रूप से अस्वस्थ संजू, जो पास के गांव की रहने वाली थी, रास्ता भटक कर परसा जंगल पहुंच गई। ग्रामीणों ने उसे चोर समझकर बुरी तरह पीटा। बाद में जब पता चला कि वह पड़ोस के गांव की है, तो उसके परिजनों को बुलाकर उसे सौंप दिया गया। अगले दिन, 14 सितंबर को पूर्व ग्राम प्रधान कमलेश यादव अपने सहयोगियों के साथ संजू और उसके पति गुड्डू को घर से जबरन उठा ले गया। उसने बहाना बनाया कि संजू का कुछ सामान छूटा हुआ है, जिसे वापस करना है।
परसा जंगल ले जाकर, प्रधान और उसके साथियों ने पति-पत्नी को नीम के पेड़ से बांधकर पीटा और गर्म सरिया से उनके शरीर पर दाग दिया।
वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें महिला और उसके पति को पेड़ से बांधकर पीटे जाने की तस्वीरें सामने आईं। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और 15 सितंबर को परसा जंगल गांव में छापा मारकर पूर्व प्रधान कमलेश यादव और चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि पांचों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। इस बीच, पीड़िता के ससुर उमाशंकर ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें प्रधान और दो अज्ञात व्यक्तियों को नामजद किया गया है।
महिला की हालत नाजुक, अस्पताल में भर्ती
पति के साथ इस बर्बरता की घटना के बाद संजू की हालत गंभीर हो गई। उसके शरीर पर गर्म सरिया से दागने के कई निशान पाए गए। दर्द से तड़पती हुई संजू को परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज जारी है।
दबंग प्रधान से डरकर नहीं कर पाए पुलिस से शिकायत
घटना के समय, जब गुड्डू और संजू को यातनाएं दी जा रही थीं, उसी दौरान गांव से गुजर रहे एक व्यक्ति ने गुड्डू के पिता उमाशंकर को फोन कर इसकी जानकारी दी। लेकिन प्रधान कमलेश यादव के इलाके में दबदबे के चलते, उमाशंकर और उनके परिवारजन गांव जाकर बचाव करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। उन्होंने अपने गांव के प्रधान से मदद मांगी, जिसके बाद उसरा बाजार के प्रधान ने कमलेश यादव से संपर्क किया। करीब दो घंटे बाद गुड्डू और संजू को मुक्त कराया गया।
यह दर्दनाक घटना समाज में कानून व्यवस्था और इंसानियत पर सवाल खड़े करती है। पुलिस की सख्त कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी से उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.