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शिमला में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन: हिमाचल में फैली धार्मिक उथल-पुथल

नई दिल्ली: शिमला में मस्जिद के अंदर किए गए अवैध निर्माण का मामला फिर से तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। यह मुद्दा न केवल शिमला, बल्कि हिमाचल प्रदेश के कुल 12 जिलों में हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शनों का कारण बन गया है। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है।
विरोध का विस्तार
शनिवार को हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति के बैनर तले किए गए इन प्रदर्शनों में लोगों की एक बड़ी संख्या शामिल हुई। समिति के संयोजक भारत भूषण ने एनडीटीवी को बताया, “सरकार का रुख बहुत नरम रहा है। जब हम अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही कार्रवाई करती है। यह ठीक नहीं है।”
पुलिस की कार्रवाई
इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले भी विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बेरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। यह दर्शाता है कि यह मामला कितना संवेदनशील है और कैसे धार्मिक भावनाओं को प्रभावित कर रहा है।
अवैध निर्माण का मुद्दा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मस्जिद में नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण किया गया है। शिमला नगर निगम के अनुसार, इस क्षेत्र में निर्माण की अनुमति केवल ढाई मंजिल तक है, लेकिन मस्जिद में पांच मंजिल का निर्माण कर दिया गया है। यह स्थिति लोगों के बीच रोष को बढ़ा रही है।
मंडी में भी उठी आवाजें
शिमला के मामले के ठीक बाद, मंडी में भी मस्जिद के अवैध निर्माण का मुद्दा सामने आया है। मंडी की मस्जिद के मामले में नगर निगम आयुक्त के पास एक जांच समिति द्वारा रिपोर्ट पेश की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह मुद्दा केवल शिमला तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में एक व्यापक समस्या बनता जा रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य
इस मामले ने न केवल धार्मिक तंत्र को प्रभावित किया है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक माहौल को भी गर्म कर रहा है। स्थानीय राजनीतिक दलों और संगठनों के बीच इस मुद्दे को लेकर बढ़ती तकरार से यह साफ है कि यह विवाद अभी और बढ़ेगा।
इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय निवासियों की भावनाओं को उभारा है, बल्कि यह बताता है कि कैसे धार्मिक मुद्दे राजनीतिक बिसात पर एक नया मोड़ ला सकते हैं। जब तक इस मामले का समाधान नहीं निकलता, तब तक विरोध प्रदर्शनों का यह सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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