वाराणसी: समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के गांजे को लेकर दिए गए विवादित बयान पर संत समाज में भारी नाराजगी है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अफजाल अंसारी को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “नेतागिरी करिए, लेकिन संतों की थाली में झांकने का प्रयास न करें।” उन्होंने कहा कि संतों के खाने-पीने के मामलों में टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं दिया गया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी ने गांजे को कानूनी मान्यता दिलाने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया कि जब शराब और भांग को कानूनी दर्जा प्राप्त है, तो गांजा भी अवैध नहीं रहना चाहिए। अंसारी ने कहा था, “बड़े-बड़े धार्मिक आयोजनों में साधु-संत भी गांजा पीते हैं।” इस बयान के बाद संत समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने इस बयान को न केवल संतों का अपमान बताया, बल्कि चेतावनी दी कि अंसारी जैसे नेताओं को अपनी सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “आप अपनी नेतागिरी करें, लेकिन हिंदू संतों के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार आपको किसी ने नहीं दिया है।”
स्वामी जितेंद्रानंद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा पर दिया गया उनका बयान भी गैर-जिम्मेदाराना था। उन्होंने कहा, “अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर समाज के हर वर्ग को निमंत्रण दिया गया था, यहां तक कि डोमराजा तक को आमंत्रित किया गया। राहुल गांधी को अपने इस अज्ञानता भरे बयान का प्रदर्शन उन लोगों के बीच करना चाहिए जिनका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है।”
अफजाल अंसारी के बयान पर संत समाज ने इसे हिंदू धर्म के प्रतीकों और संतों के प्रति अपमानजनक करार दिया है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में यह बयान गर्म चर्चा का विषय बना हुआ है।
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Author: Sweta Sharma
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