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गोरखपुर में कल से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

गोरखपुर में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर, बृहस्पतिवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के इस पवित्र पर्व में श्रद्धालु नौ दिनों तक माता के विभिन्न रूपों की आराधना करेंगे। नवरात्रि का पहला दिन कलश स्थापना के लिए महत्वपूर्ण होता है, और इसके लिए शुभ मुहूर्त का पालन आवश्यक है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि
ज्योतिषाचार्य पंडित शरद चंद्र के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन बृहस्पतिवार को सूर्योदय 6 बजकर 6 मिनट पर होगा। इस दिन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि रहेगी, जो रात 1 बजकर 9 मिनट तक मान्य है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:06 बजे से लेकर दिन में 3:17 बजे तक रहेगा, क्योंकि इस समय तक हस्त नक्षत्र रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा, जिसमें कलश स्थापना निषेध मानी जाती है।
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले मिट्टी की वेदी बनानी चाहिए, जिसमें जौ और गेहूं मिलाकर बोएं। इसके बाद विधिपूर्वक कलश को स्थापित करें। कलश पर देवीजी की मूर्ति या चित्रपट स्थापित कर, पूजा सामग्री एकत्रित करें और पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके पूजा करें। गणेश, अंबिका, और नवग्रहों का पूजन कर संकल्प लें और दीपक जलाएं।

नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा विधि
नवरात्रि के दौरान माता के नौ रूपों की आराधना की जाएगी। प्रत्येक दिन एक विशेष रूप की पूजा होती है:
– 3 अक्टूबर – मां शैलपुत्री की पूजा
– 4 अक्टूबर – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
– 5 अक्टूबर – मां चंद्रघंटा की पूजा
– 6 अक्टूबर – मां कुष्मांडा की पूजा
– 7 अक्टूबर – मां स्कंदमाता की पूजा
– 8 अक्टूबर – मां कात्यायनी की पूजा
– 9 अक्टूबर – मां कालरात्रि की पूजा
– 10 अक्टूबर – मां महागौरी की पूजा
– 11 अक्टूबर – मां सिद्धिदात्री की पूजा
अष्टमी और नवमी का व्रत
इस बार अष्टमी और नवमी का व्रत 11 अक्टूबर, शुक्रवार को होगा। अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर की सुबह 7:29 बजे से शुरू होकर 11 अक्टूबर की सुबह 6:52 बजे तक रहेगी, जिसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। विजयादशमी का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
इस वर्ष माता का आगमन और गमन
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, इस बार माता का आगमन पालकी पर हो रहा है, जो शुभ संकेत माना जाता है। हालांकि, उनका गमन मुर्गा पर बताया जा रहा है, जिसे अच्छा संकेत नहीं माना जाता।
शारदीय नवरात्रि का यह पवित्र पर्व भक्तों को आत्मशुद्धि और देवी मां की कृपा प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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