नई दिल्ली – केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के एक अधिकारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। NIA के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) अजय प्रताप सिंह को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। इस मामले में उनके साथ दो बिचौलियों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यह रिश्वत एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से ली जा रही थी, जिसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई थी।
झूठे मामले में फंसा रहा था NIA अधिकारी
CBI की जांच में खुलासा हुआ कि अजय प्रताप सिंह, रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव को अवैध हथियार रखने के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उससे 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। यादव को 19 सितंबर को एनआईए द्वारा उसके परिसर की तलाशी लेने के बाद 26 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसी दौरान DSP ने जांच से बचाने के लिए यादव से बड़ी रकम की मांग की थी।
CBI की छापेमारी और गिरफ्तारी
CBI ने मामले की शिकायत मिलने के बाद तुरंत जांच शुरू की और आरोपी अधिकारी को बिचौलियों के माध्यम से रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। आरोपी ने रिश्वत की रकम पहले 2.5 करोड़ रुपये तय की थी, लेकिन शुरुआती किश्त के तौर पर 20 लाख रुपये लिए जा रहे थे। CBI ने अधिकारी और दोनों बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
कानूनी कार्रवाई जारी
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा, “रॉकी यादव ने अपने परिवार को झूठे आरोपों से बचाने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर होकर हामी भर दी थी।” इस मामले में गिरफ्तारी के बाद NIA अधिकारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। सीबीआई का यह ऑपरेशन भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी सख्त कार्रवाई को दर्शाता है और यह स्पष्ट संकेत है कि कानून के रखवालों को भी कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा।
यह घटना एनआईए जैसी प्रतिष्ठित संस्था के लिए एक काला धब्बा है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा की रक्षा के लिए काम करती है। अब इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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Author: Sweta Sharma
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