लैंड फॉर जॉब मामले में आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट एक अहम फैसला सुनाने जा रही है। इस फैसले पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव की किस्मत का फैसला टिका है। यह मामला रेलवे ग्रुप डी की नियुक्तियों में कथित भ्रष्टाचार और घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले जमीन ली गई थी।
ईडी की चार्जशीट पर फैसला
ईडी द्वारा इस मामले में 6 अगस्त को दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर आज अदालत अपना निर्णय देगी। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी की दलीलें सुनने के बाद चार्जशीट का संज्ञान लेने या समन जारी करने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अदालत आज इस पर दोपहर 2 बजे अपना आदेश सुनाएगी कि लालू, तेजस्वी और अन्य 9 आरोपियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू होगी या नहीं।
क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?
यह मामला उस दौर का है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। आरोप है कि इस दौरान रेलवे ग्रुप डी की भर्तियों के बदले उनके परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम पर जमीनें उपहार में ली गईं या हस्तांतरित की गईं। ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर उसने अपने मामले तैयार किए हैं और मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
रेलवे ग्रुप डी की नियुक्तियों से जुड़ा है मामला
इस केस में विशेष रूप से मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप डी की नियुक्तियों की जांच की जा रही है। ईडी का कहना है कि इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई थीं, और इसके बदले जमीनें ली गईं।
लालू और तेजस्वी के लिए निर्णायक घड़ी
यह फैसला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी लालू और तेजस्वी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। अगर अदालत चार्जशीट का संज्ञान लेती है और समन जारी होता है, तो लालू और तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, यदि अदालत चार्जशीट को खारिज करती है, तो यह उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।
आज का यह फैसला आरजेडी की राजनीति और लालू परिवार की कानूनी स्थिति पर गहरा असर डाल सकता है।

Author: Sweta Sharma
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