लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तब बढ़ गई जब समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की निर्धारित यात्रा से पहले गोमती नगर स्थित जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) को सील कर दिया गया। अखिलेश यादव ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और सपा कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जेपीएनआईसी के मेन गेट पर टिन लगाई जा रही का वीडियो साझा करते हुए कहा, “किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सभ्य समाज की निशानी नहीं है।” इसके साथ ही पुलिस बल और बैरिकेडिंग भी केंद्र के चारों ओर तैनात कर दी गई, जिसके बाद सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया।
क्या है मामला?
जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर अखिलेश यादव का जेपीएनआईसी दौरा प्रस्तावित था, लेकिन उससे पहले ही केंद्र को सील कर दिया गया। इस पर सपा प्रमुख ने रात में सेंटर का दौरा किया और मीडिया से बातचीत में कहा, “सरकार कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है। ऐसा लग रहा है कि यह जगह बेचने की तैयारी की जा रही है या इसे किसी अन्य को दिया जा रहा है।”
अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों इस केंद्र को बंद करके श्रद्धांजलि देने से रोका जा रहा है।
श्रद्धांजलि रोकना सभ्य समाज की निशानी नहीं: अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने कहा, “लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर किसी को श्रद्धांजलि देने से रोकना सभ्य समाज की निशानी नहीं है।” उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा के प्रतीक जयप्रकाश नारायण का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है और इसे रोकने के पीछे सरकार की कोई साजिश हो सकती है।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जयप्रकाश नारायण देश के बड़े नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, और उन्हें सभी पार्टियों का सम्मान प्राप्त है। ऐसे में उनकी जयंती पर माल्यार्पण से रोका जाना अनुचित है। सरकार की यह कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।”
वहीं, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा, “इस सरकार की मंशा ठीक नहीं है। पिछले साल की तरह, इस बार भी यह कदम किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। जेपीएनआईसी को किसी बड़े उद्योगपति को बेचने की योजना बन रही है।”
इस घटनाक्रम के बाद सपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश और तेज हो गया है, और विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस मुद्दे पर हलचल जारी है।

Author: Sweta Sharma
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