नैनीताल: उत्तराखंड सरकार ने यूपी के बाहुबली नेता और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी, भावनी सिंह, को एक बड़ा झटका दिया है। नैनीताल जिला प्रशासन ने शुक्रवार को भावनी सिंह के नाम पर खरीदी गई 27 नाली (0.555 हेक्टेयर) जमीन को जब्त कर लिया। यह जमीन नैनीताल जिले के कैंची धाम के पास कौश्यकुटौली में स्थित है।
16 साल बाद भी नहीं हुई खेती, जमीन जब्त
सूत्रों के अनुसार, भावनी सिंह ने यह जमीन साल 2006 में खेती के उद्देश्य से खरीदी थी, लेकिन 16 साल बीत जाने के बाद भी इस जमीन पर कोई खेती नहीं की गई। उत्तराखंड भू-राजस्व नियमों के मुताबिक, अगर जमीन खरीदने के दो साल के भीतर उस पर वांछित कार्य नहीं किया जाता, तो सरकार को इसे जब्त करने का अधिकार होता है। इसी नियम के तहत प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।
अपील में भी हार मिली
भावनी सिंह ने जमीन के मामले में कमिश्नर कोर्ट और राजस्व बोर्ड में अपील भी की थी, लेकिन दोनों ही जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद जिला प्रशासन ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई शुरू की और जमीन को सरकार के अधीन दर्ज कर लिया गया।
राजस्व विभाग ने की कार्रवाई
कैंची धाम के उपजिलाधिकारी विपिन चंद्र के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने जमीन पर कब्जा लिया। राजस्व विभाग की जांच में यह पाया गया कि जमीन पर खेती या उससे जुड़े किसी कार्य का संचालन नहीं हो रहा था। इस स्थिति में भूमि को सरकारी खाते में दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
राजा भैया का राजनीतिक प्रभाव
प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजा भैया उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं। उनकी संपत्ति न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों में भी फैली हुई है। हालांकि, उत्तराखंड में उनकी पत्नी के नाम पर खरीदी गई इस जमीन पर खेती का कोई कार्य न होने के कारण इसे जब्त कर लिया गया।
इस घटना ने उत्तराखंड में जमीन की खरीद और भू-राजस्व कानूनों के पालन के महत्व को उजागर किया है। जहां जमीन पर काम नहीं होने के चलते सरकार ने उसे अपने अधीन कर लिया, वहीं यह मामला उत्तर प्रदेश की राजनीति और राजा भैया के परिवार के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

Author: Sweta Sharma
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