इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के साथ संबंध सुधारने पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों को अतीत को पीछे छोड़कर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक नई शुरुआत की उम्मीद जगाई है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर नवाज शरीफ का नजरिया
नवाज शरीफ, जो तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष हैं, ने भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा, “भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं, और पड़ोसी बदले नहीं जा सकते। हमें अतीत की कड़वाहटों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए।” शरीफ ने यह भी याद किया कि कैसे 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लाहौर का दौरा किया था, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण और आशाजनक कदम था।
दोनों देशों के बीच बातचीत की वकालत
शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद को आगे बढ़ाने पर बल दिया। उनका मानना है कि बातचीत से ही दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव कम किया जा सकता है और रिश्तों को नई दिशा दी जा सकती है। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया पाकिस्तान यात्रा को एक ‘अच्छी शुरुआत’ करार दिया और उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच भविष्य में सकारात्मक बातचीत होगी।
आशा की नई किरण?
नवाज शरीफ की इस टिप्पणी को कई विश्लेषक भारत-पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जमी बर्फ को पिघलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देख रहे हैं। शरीफ ने कहा कि जयशंकर की यात्रा से दोनों देशों को एक सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिला है। यह बयान इस बात का संकेत देता है कि पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक नेतृत्व भारत के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में गंभीर है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच संबंध कैसे आकार लेते हैं और क्या ये पहल वास्तव में दोनों देशों के बीच स्थायी शांति और सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाने में सफल होगी।
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Author: Sweta Sharma
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