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आरजी कर केस: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बाद भी जूनियर डॉक्टरों का अनशन 16वें दिन भी जारी, न्याय की मांग पर अड़े

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की मौत से जुड़े मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन 16वें दिन भी जारी है। इस भयावह घटना के बाद से डॉक्टर लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
सीएम की अपील के बावजूद अनशन जारी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों से अनशन खत्म कर काम पर लौटने की अपील की है, लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने से साफ इनकार कर दिया है, जो डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में से एक है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग से सभी अधिकारियों को एक साथ हटाना संभव नहीं है, हालांकि कई अधिकारियों को पहले ही हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वे अनशन समाप्त कर काम पर लौटें और कहा कि उनकी कई मांगों को पहले ही मान लिया गया है।
जूनियर डॉक्टरों की बिगड़ती सेहत
जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे हैं और इनमें से कई की सेहत बिगड़ रही है। वर्तमान में छह डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जबकि आठ अन्य अब भी अनिश्चितकालीन अनशन पर डटे हुए हैं। आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे।
16वें दिन भी अनशन स्थल पर डटे डॉक्टर
जूनियर डॉक्टर धर्मतला में 16 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। शनिवार की शाम को सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को डॉक्टरों से बात करने के लिए भेजा था। पंत ने डॉक्टरों की फोन पर मुख्यमंत्री से बात कराई, जिसमें सीएम ने अनशन समाप्त करने की अपील की थी। हालांकि, डॉक्टरों ने इस अपील को ठुकरा दिया और कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अनशन समाप्त नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री की अपील और सरकार की शर्तें
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से नवान्न (सचिवालय) में सोमवार को शाम पांच बजे बातचीत के लिए बुलाया है। हालांकि, सरकार ने शर्त रखी है कि बैठक में शामिल होने से पहले डॉक्टरों को अपना अनशन समाप्त करना होगा। मुख्य सचिव ने शनिवार शाम जूनियर डॉक्टरों को ईमेल भेजकर इस बैठक की शर्तें भी स्पष्ट की थीं।
डॉक्टरों की मांगें क्या हैं?
डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को तत्काल हटाने की मांग शामिल है। इसके अलावा, वे राज्य के सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम की व्यवस्था, और केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली जैसे सुधारों की मांग कर रहे हैं।
पांच अक्तूबर से जारी अनशन
जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल पांच अक्तूबर से जारी है, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई थी। डॉक्टर इस मुद्दे पर अड़े हुए हैं कि जब तक उन्हें न्याय और कार्यस्थल पर सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, वे पीछे नहीं हटेंगे।
घटना की पृष्ठभूमि
नौ अगस्त की सुबह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। जांच में सामने आया कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था और अब तक कोलकाता हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में इस मामले की सुनवाई हो चुकी है।
महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध के मामले में कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। CBI को इस मामले की जांच सौंपी गई है और अब डॉक्टरों को उम्मीद है कि पीड़िता को जल्द न्याय मिलेगा।
जूनियर डॉक्टरों के अनशन के बीच राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ने लगा है। सरकार और डॉक्टरों के बीच इस गतिरोध का समाधान निकल पाता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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