विजयपुरा (कर्नाटक): कर्नाटक के विजयपुरा में 1200 एकड़ कृषि भूमि पर वक्फ बोर्ड द्वारा अपना दावा ठोकने के बाद विवाद गहरा गया है। वक्फ बोर्ड ने होनवाड़ा गांव के किसानों को नोटिस जारी करते हुए इस भूमि को शाह अमीनुद्दीन दरगाह से संबंधित बताया है। इस नोटिस के बाद किसानों में भारी तनाव है, और सियासी हलचल भी बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि यह जमीन सदियों से उनके परिवारों के स्वामित्व में है और वक्फ बोर्ड का दावा गलत है।
वक्फ बोर्ड की बैठक के बाद भेजे गए नोटिस
किसानों के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में वक्फ, आवास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमीर अहमद खान ने वक्फ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इसमें वक्फ भूमि पर ‘अतिक्रमण’ के मामले पर चर्चा की गई थी। इसके बाद से अधिकारियों ने ‘अवैध अतिक्रमण’ के नाम पर किसानों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया। किसानों का आरोप है कि यह कोशिश उन्हें उनकी जमीन से बेदखल करने के उद्देश्य से की जा रही है।
किसानों को नोटिस में बताया गया भूमि का दावा
तहसीलदार की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि होनवाड़ा गांव की 1200 एकड़ जमीन शाह अमीनुद्दीन दरगाह की संपत्ति है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह दावा 1974 के सरकारी गजट के आधार पर है, जिसमें इस भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया था। हालांकि, वक्फ बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसानों के पास वैध दस्तावेज हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बीजेपी ने लगाया कांग्रेस सरकार पर आरोप
विजयपुरा के किसानों ने स्थानीय विधायक और मंत्री एमबी पाटिल से मुलाकात की और उनसे न्याय की मांग की। इसके बाद, बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस मामले को उठाया और आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए किसानों की जमीन वक्फ बोर्ड को सौंपने की साजिश कर रही है। उन्होंने किसानों को समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि बीजेपी इस अन्याय का पुरजोर विरोध करेगी। वहीं, एमबी पाटिल ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी मदद करेंगे और इस मामले में न्याय दिलाएंगे।
किसानों की आक्रामक प्रतिक्रिया और आत्महत्या की धमकी
किसानों का कहना है कि वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार मिलकर उनकी जमीन हड़पने की साजिश रच रही है। किसान प्रभु गौड़ा ने कहा, “अगर हमारी जमीन हमसे छीन ली गई, तो हमारे पास जहर खाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। यह अन्याय हम सहन नहीं करेंगे।” इसी तरह किसान अरविंद कुलकर्णी ने चेतावनी दी कि अगर उनकी जमीन का एक इंच भी छीना गया, तो वे जिलाधीश कार्यालय के बाहर आत्महत्या कर लेंगे।
वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की जमीन पर दावा किए जाने से विजयपुरा में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। किसान इसे अपनी आजीविका पर हमला मान रहे हैं और इस मामले में निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस विवाद को कैसे हल करते हैं ताकि किसानों के हित सुरक्षित रह सकें।

Author: Sweta Sharma
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