चिनहट कोतवाली में पुलिस कस्टडी में पिटाई से हुई मोहित पांडेय की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट के निशान मिले हैं, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने के कारण विसरा सुरक्षित किया गया है। पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर ने चिनहट कोतवाली के इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी को निलंबित करते हुए दारोगा भरत पाठक को थाना प्रभारी नियुक्त किया है।
यह मामला आदेश और मोहित के बीच सिर्फ छह सौ रुपये के विवाद से शुरू हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने मोहित को थाने ले जाकर कस्टडी में बंद कर दिया। मोहित के भाई शोभाराम के अनुसार, दोनों भाइयों को पुलिस ने बुरी तरह से मारा, जिससे मोहित की मौत हो गई। मोहित की मां ने इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है।

इस घटना ने राजधानी में सनसनी फैला दी है। स्थानीय लोग इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं और पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं कि निर्दोष युवक को पुलिस कस्टडी में प्रताड़ित किया गया। मोहित पांडेय की मौत पर तमाम राजनीतिक पार्टियों में चुप्पी ने भी जनता के आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
राष्ट्रीय लोकदल की प्रदेश महासचिव नम्रता शुक्ला ने इस घटना के बाद मृतक के परिवार से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया। उन्होंने परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और इसे अत्यंत दुखद घटना बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग की।

नम्रता शुक्ला ने पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर से मुलाकात कर इस घटना की गहन जांच की मांग की और यह सुनिश्चित करने की बात की कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज में, विशेषकर ऐसे मामले में, न्याय का होना अनिवार्य है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मोहित पांडेय की मौत को लेकर पुलिस के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं, और लोगों का विश्वास पुलिस प्रशासन में कम हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से गुजारिश की कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले, ताकि राजधानी में पुलिस पर जनता का भरोसा कायम रह सके। नम्रता शुक्ला की इस मांग ने इस घटना को लेकर चल रही राजनीतिक चुप्पी को तोड़ने का काम किया है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से भी इस मुद्दे पर आवाज उठाने का आह्वान किया, ताकि दोषियों को सजा मिले और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।





