बांग्लादेश की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है, जहां एक ओर आर्थिक और राजनीतिक संकट बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत से रिश्ते बिगड़ने का भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। हाल ही में एक भारतीय कंपनी, अडानी पावर, ने चेतावनी दी है कि अगर बकाया भुगतान नहीं किया गया तो बांग्लादेश को अंधेरे में डूबना पड़ सकता है।
बिजली आपूर्ति में कमी
बांग्लादेश की 10 प्रतिशत बिजली भारत से आती है। हाल ही में बांग्लादेश सरकार के पास बिजली का बकाया चुकाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं, जिसके चलते अडानी पावर ने भुगतान की समयसीमा 7 नवंबर तय की है। बकाया राशि लगभग 850 मिलियन डॉलर (लगभग 7,200 करोड़ रुपये) है, जो कि बांग्लादेश के लिए चुकाना आसान नहीं है।
बांग्लादेश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है और हाल ही में अडानी पावर ने बिजली की आपूर्ति में कमी कर दी है। 31 अक्टूबर के बाद से बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति घटाकर 724 मेगावाट कर दी गई है, जबकि झारखंड स्थित अडानी पावर प्लांट की क्षमता 1,496 मेगावाट है।
भारत से दुश्मनी का खामियाजा
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश के हालात और खराब हुए हैं। नई आंतरिक सरकार ने भारत के खिलाफ कदम उठाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गए हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कई मौकों पर भारत विरोधी बयान दिए हैं, जिसका असर बिजली आपूर्ति पर भी पड़ा है।
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने भुगतान संबंधी गड़बड़ियों को दूर कर लिया है और अडानी समूह को 170 मिलियन डॉलर का ऋण पत्र पहले ही जारी कर दिया है।
बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और उन्होंने कहा है कि उन्हें किसी भी बिजली कंपनी के द्वारा बंधक या ब्लैकमेल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर बांग्लादेश अपनी बिजली आपूर्ति को सुरक्षित रखना चाहता है, तो उसे जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे।
बांग्लादेश के लिए यह संकट एक चेतावनी है कि विदेश नीति और आंतरिक स्थिति के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

Author: Sweta Sharma
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