बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता और रिटायर्ड सीओ जगदीश पाटनी के साथ 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि उन्हें सरकारी आयोग में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनाने का लालच देकर यह रकम हड़प ली गई। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो आरोपितों ने जान से मारने की धमकी दी। एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने पांच आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुई ठगी?
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जगदीश पाटनी की मुलाकात छह महीने पहले हार्टमैन कॉलेज के पास रहने वाले शिवेंद प्रताप सिंह से हुई थी।
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शिवेंद ने उनका परिचय दिल्ली के दिवाकर गर्ग, हरिद्वार के जूना अखाड़ा के आचार्य जय प्रकाश गुरुजी, प्रीति गर्ग, और हिमांशु से कराया।
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इन लोगों ने अपने राजनीतिक संपर्कों का दावा करते हुए कहा कि वे जगदीश पाटनी को किसी सरकारी आयोग का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनवा सकते हैं।
रकम का लेन-देन
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लालच में आकर, जगदीश पाटनी ने पांच-पांच लाख रुपये की किश्तों में कुल 25 लाख रुपये प्रीति गर्ग के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से जमा किए।
पद नहीं मिलने पर बढ़ा विवाद
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छह महीने बीत जाने के बाद भी जब उन्हें कोई पद नहीं मिला, तो उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी।
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आरोप है कि पैसे लौटाने से इनकार करते हुए आरोपितों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस कार्रवाई
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पीड़ित ने एसएसपी अनुराग आर्य से मुलाकात कर मामले की शिकायत दर्ज कराई।
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एसएसपी के आदेश पर पांचों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई।
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इंस्पेक्टर कोतवाली डीके शर्मा ने बताया कि आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
कानूनी प्रक्रिया जारी
पुलिस अब आरोपितों की गतिविधियों की जांच कर रही है। इस घटना ने प्रशासनिक पदों के लिए ठगी के नए तरीकों को उजागर किया है।

Author: Sweta Sharma
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