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राजस्थान: सिरोही में मौसमी बीमारियों का कहर, तीन मासूम भाई-बहनों की मौत

राजस्थान के सिरोही जिले के काकिद्रा गांव में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। एक दलित परिवार के तीन मासूम भाई-बहनों की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। इन बच्चों की मौत मलेरिया से होने की आशंका जताई जा रही है। परिवार के तीन अन्य बच्चे और उनके पिता भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।

झाड़फूंक के चक्कर में गई मासूमों की जान

काकिद्रा गांव के भानाराम, जो खेती का काम करते हैं, के छह में से तीन बच्चों की मौत बुखार और अन्य लक्षणों के कारण हो गई। अशिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते बच्चों को समय पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़फूंक कराने वाले भोपों के पास ले जाया गया।

भानाराम ने बच्चों के गले में ताबीज बांधकर झाड़फूंक से इलाज कराने की कोशिश की, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई। जब तक परिवार अस्पताल पहुंचा, तीनों बच्चों की स्थिति गंभीर हो चुकी थी। नौ दिनों के भीतर भानाराम ने अपने दो बेटों और एक बेटी को खो दिया।

इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही

इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। सिरोही जिला मुख्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भानाराम और उनके तीन अन्य बच्चों का इलाज जारी है, जबकि उनकी एक बेटी को गुजरात के पालनपुर में भर्ती कराया गया है। ब्लड सैंपल की जांच में मलेरिया की पुष्टि हुई है।

घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में घर-घर जाकर बीमार लोगों की जांच की। 1200 की आबादी वाले इस गांव में 540 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए।

स्वास्थ्य विभाग ने उठाए कदम

सिरोही सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि परिवार गांव के एक कृषि कुएं पर रहता था, जहां पानी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का असर पड़ा। सही समय पर बीमारी के लक्षणों को पहचानने और इलाज कराने में असमर्थता के कारण यह दुखद घटना हुई।

मामले को लेकर मेडिकल विभाग ने सिरोही अस्पताल के पीएमओ और ग्रामीण क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नोटिस थमाए हैं। इस लापरवाही पर जवाब तलब किया गया है।

पूर्व विधायक ने प्रशासन को दी सूचना

घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद प्रशासन ने अलर्ट मोड पर काम शुरू किया और गांव में जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया।

ग्रामीणों की हालत चिंताजनक

काकिद्रा गांव में मौसमी बीमारियों से प्रभावित लोग अब भी तड़प रहे हैं। जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी के कारण यह गांव गंभीर संकट में है।

यह घटना राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता की कमी को उजागर करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले से क्या सबक लेता है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत करता है।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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