भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। न्यूयॉर्क की एक अदालत में पेश किए गए मामले में अदाणी और उनके सहयोगियों पर निवेशकों से धोखाधड़ी और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर अनुबंध हासिल करने का आरोप लगाया गया है। इन आरोपों के कारण अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
क्या हैं आरोप?
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धोखाधड़ी और रिश्वत:
अमेरिकी न्याय विभाग का दावा है कि 2020 से 2024 के बीच अदाणी समूह और उनकी सहायक कंपनियों ने 200 करोड़ डॉलर से अधिक का बैंक ऋण जुटाने के लिए निवेशकों को धोखा दिया।
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रिश्वत देकर अनुबंध:
अदाणी पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर 8,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुबंध हासिल किए।
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गंभीर अपराध:
आरोपियों पर फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) और न्याय में बाधा डालने के आरोप हैं।
शॉर्टलिस्टेड घटनाएं
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आंध्र प्रदेश में रिश्वत:
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अदाणी ने आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को 1,750 करोड़ रुपये (200 मिलियन डॉलर) की रिश्वत देकर 7,000 मेगावाट बिजली का अनुबंध हासिल किया।
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ओडिशा ने भी 500 मेगावाट बिजली खरीदी।
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रिश्वत की निगरानी:
अदाणी के भतीजे सागर अदाणी ने रिश्वत से संबंधित विवरण अपने मोबाइल पर रखे।
शेयर बाजार में हड़कंप
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अदाणी समूह की 10 कंपनियों के शेयरों में 22% तक की गिरावट आई।
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अदाणी एंटरप्राइजेज: 22.61% की गिरावट।
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अदाणी ग्रीन एनर्जी: 18.80% की गिरावट।
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सेंसेक्स: 423 अंकों की गिरावट के साथ 77,155.79 पर बंद।
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निफ्टी: 168.60 अंकों की गिरावट के साथ 23,349.90 पर बंद।
प्रमुख निवेशकों को झटका
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LIC: अदाणी समूह में 35,920 करोड़ रुपये का निवेश।
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SBI: 27,000 करोड़ रुपये।
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PNB: 7,000 करोड़ रुपये।
इन सरकारी बैंकों और संस्थानों पर भी प्रभाव पड़ा, जिनके शेयरों में 2-4% तक गिरावट आई।
अमेरिका में जांच और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त
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FBI की कार्रवाई:
मार्च 2023 में एफबीआई ने अदाणी के भतीजे सागर अदाणी से उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए।
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कनाडाई पेंशन फंड कर्मियों पर भी आरोप:
अदाणी के साथ साजिश में कनाडाई पेंशन फंड के तीन पूर्व अधिकारियों पर ईमेल नष्ट करने और झूठी जानकारी देने का आरोप है।
अदाणी समूह का रुख
अभी तक अदाणी समूह की तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यह मामला अदाणी समूह के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। न केवल शेयर बाजार में गिरावट ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर कंपनी की साख पर भी सवाल उठे हैं। अमेरिकी अदालत में लगाए गए आरोपों का परिणाम और उनके प्रभाव को लेकर सभी की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं।

Author: Sweta Sharma
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