महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणामों से पहले महाविकास आघाड़ी (एमवीए) और महायुति के बीच राजनीति गरमाई हुई है। दोनों प्रमुख गठबंधन अब अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और साथ ही सीएम पद को लेकर भी आंतरिक टकराव तेज हो गया है। उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने अब दावा किया है कि वह विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने जा रही है और आगामी सरकार का नेतृत्व करेगी।
संजय राउत का विश्वास: एमवीए को मिलेगा बहुमत
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा, “हमें यकीन है कि हम बहुमत हासिल करने जा रहे हैं। हमारे पास 160-165 विधायक होंगे। ‘खोखा वाले’ दबाव बना सकते हैं, इसलिए हम उनके लिए होटल में रहने की व्यवस्था कर रहे हैं। शरद पवार, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे सभी मिलकर मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे। एमवीए को पूर्ण बहुमत मिलेगा और हम सर्वसम्मति से फैसला करेंगे।”
राउत ने गठबंधन की एकजुटता की बात करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल सीएम पद को लेकर कोई ठोस फार्मूला नहीं है, लेकिन सब मिलकर निर्णय लेंगे।
प्रियंका चतुर्वेदी का बयान: लूट और भ्रष्टाचार की सरकार खत्म होगी
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने महायुति पर हमला करते हुए कहा, “महाराष्ट्र के लोग उन्हें अगले 25 वर्षों के लिए सत्ता से बाहर करने जा रहे हैं। लूट, भ्रष्टाचार और अदाणी की सरकार का दौर अब समाप्त होने वाला है। हमें विश्वास है कि हम बहुमत प्राप्त करेंगे और पांच वर्षों तक लोगों की सेवा करेंगे। वे जो हेलीकॉप्टर बुक कर रहे हैं, इसका कारण यह है कि वे जानते हैं कि हारने के बाद जनता उनसे सवाल पूछेगी और उन्हें भागने की जरूरत पड़ेगी।”
महाराष्ट्र में रिकॉर्ड मतदान: 65.11 फीसदी मतदान हुआ
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान बुधवार को बंपर मतदान हुआ, जो पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ने वाला था। चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल 288 विधानसभा सीटों पर 65.11 फीसदी मतदान हुआ। यह 1995 के विधानसभा चुनाव के 71.7 फीसदी के आंकड़े से थोड़ा कम है, लेकिन पिछले 30 वर्षों में सबसे अधिक है।
2019 के चुनावों के मुकाबले मतदान प्रतिशत
महाराष्ट्र के 2019 विधानसभा चुनावों में 61.44 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी 61.33 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में भागीदारी अधिक रही, खासकर कोल्हापुर के करवीर निर्वाचन क्षेत्र में जहां 84.79 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। वहीं, गढ़चिरौली जिले में 73.68 फीसदी मतदान हुआ। इसके विपरीत, मुंबई जैसे शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम रहा – मुंबई में 52.07 फीसदी, मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में 55.77 फीसदी और ठाणे में 56.05 फीसदी मतदान हुआ।
नतीजों के बाद का परिदृश्य
अब जब मतदान संपन्न हो चुका है, दोनों प्रमुख गठबंधन अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं। नतीजों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा गठबंधन राज्य की सत्ता में काबिज होता है और मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुना जाता है।

Author: Sweta Sharma
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