कोलकाता। इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) कोलकाता ने बांग्लादेश में रह रहे अपने पुजारियों को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। संस्था ने उन्हें सार्वजनिक तौर पर भगवा वस्त्र पहनने और तिलक लगाने से बचने का आग्रह किया है। यह सलाह उस समय दी गई है जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं और इस्कॉन के पुजारियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने मंगलवार को कहा, “हमने बांग्लादेश में हमारे साधुओं और भक्तों से अपील की है कि वे अपनी आस्था का पालन करते हुए सार्वजनिक रूप से अपनी पहचान न दिखाएं।” उन्होंने आगे बताया कि यह सलाह सुरक्षा कारणों से दी गई है और इसका उद्देश्य केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
राधारमण दास ने बताया, “हमने पुजारियों से कहा है कि वे घरों या मंदिरों के अंदर ही अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करें और सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे कपड़े पहनें जो लोगों का ध्यान आकर्षित न करें।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई सामान्य दिशा-निर्देश नहीं है, बल्कि उन भक्तों और साधुओं के लिए एक निजी सुझाव है, जो हाल ही में इस स्थिति पर चिंतित होकर संपर्क कर रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंसा और धमकियां
राधारमण दास ने बांग्लादेश में मंदिरों पर हमलों, धार्मिक समारोहों में बाधा डालने और भक्तों को धमकियां देने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे भक्तों और उनके परिवारों को काफी डर और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि चिन्मय कृष्ण दास का बचाव कर रहे वकील रमन रॉय पर भी इस्लामवादियों के एक समूह ने हमला किया।
इस्कॉन ने बांग्लादेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए वकील को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करे, ताकि धार्मिक मामलों में न्याय मिल सके।
स्थिति की गंभीरता
बांग्लादेश में इस्कॉन के अनुयायी और साधु इन दिनों सुरक्षा संकट का सामना कर रहे हैं। राधारमण दास ने इसे चिंताजनक स्थिति बताते हुए कहा, “यह अस्थायी उपाय है और हम इस्कॉन अनुयायियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
Author: Sweta Sharma
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