रांची : झारखंड में 11 विधायकों ने हाल ही में मंत्री पद की शपथ ली, जिससे राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। यह शपथ समारोह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुआ। इन 11 नए मंत्रियों के शपथ लेने के साथ ही राज्य सरकार में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। इनमें से कई विधायक पहले से ही सक्रिय राजनीति में थे और अब उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
यह मंत्रिमंडल विस्तार राज्य में राजनीतिक संतुलन बनाने का एक प्रयास है। झारखंड में अब तक हेमंत सोरेन की सरकार ने कुछ समय पहले ही मंत्रियों की कमी को महसूस किया था, और यह विस्तार उसे एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। नए मंत्रियों का चयन विभिन्न क्षेत्रों और समाजिक प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिससे राज्य में सभी वर्गों को समान अवसर मिले।

विधायकों ने मंत्री पद की शपथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष ली। शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में वरिष्ठ नेता और विधायक शामिल हैं, जिनका राजनीतिक अनुभव राज्य के विकास में सहायक होगा। शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने मंत्रियों को शुभकामनाएं दी।
इस मंत्रीमंडल विस्तार के बाद, राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के अधिक प्रभावी रूप से लागू होने की संभावना है। इस निर्णय से राज्य में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विकास को गति मिल सकती है, और सरकार के समग्र कार्यकलापों को एक नई दिशा मिल सकती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), झारखंड राज्य की एक प्रमुख क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है, जिसका गठन 1972 में हुआ था। पार्टी की स्थापना झारखंड के आदिवासी और स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा और राज्य के अलग राज्य के रूप में गठन के उद्देश्य से की गई थी। इसकी शुरुआत शिबू सोरेन और उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी, जो झारखंड क्षेत्र के आदिवासी समुदायों के लिए एक मजबूत आवाज के रूप में उभरे थे।
जेएमएम का मुख्य उद्देश्य झारखंड के विकास, आदिवासी समाज की बेहतरी और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। यह पार्टी आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अन्य समाजिक रूप से कमजोर समूहों के लिए सशक्तिकरण की दिशा में काम करती है। झारखंड राज्य के गठन में जेएमएम का महत्वपूर्ण योगदान था, और आज भी यह पार्टी राज्य की प्रमुख राजनीतिक शक्तियों में से एक मानी जाती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन में सरकार बनाने की राजनीति करती रही है। हेमंत सोरेन, जेएमएम के प्रमुख नेता, वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं। उनकी नेतृत्व में पार्टी ने 2019 विधानसभा चुनावों में शानदार सफलता प्राप्त की थी। जेएमएम का आदिवासी संस्कृति और उनके पारंपरिक अधिकारों के संरक्षण पर भी जोर है। पार्टी अपने सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसका प्रभाव राज्य की सरकार और समाज में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।





