प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के मद्देनजर, प्रयागराज और वाराणसी के बीच रेलवे ट्रैक पर एक नई और तेज़ ट्रेन सेवा की शुरुआत की जाएगी। इस सेवा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। यह ट्रेन 130 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी, जिससे यात्रा का समय बहुत कम हो जाएगा और यात्री जल्दी अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे। महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक प्रयागराज आते हैं, और इस नई ट्रेन सेवा से उनकी यात्रा को और भी सुविधाजनक और समयबद्ध बनाया जाएगा।
प्रयागराज और वाराणसी के बीच की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है, जिसे अब पहले से अधिक तेज़ गति से तय किया जा सकेगा। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं के तहत भारत की रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की दिशा में एक और कदम है। इस ट्रेन सेवा के शुरू होने से न केवल यात्रियों को आराम मिलेगा, बल्कि यह उत्तर भारत के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।
इसके अलावा, इस परियोजना से दोनों शहरों के बीच परिवहन की गति और गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे पर्यटन, व्यापार और सामाजिक समृद्धि में वृद्धि की संभावना होगी। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन के दौरान यह नई ट्रेन सेवा यात्रियों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी, क्योंकि इससे उन्हें यात्रा में समय की बचत होगी और भीड़-भाड़ से बचने का मौका मिलेगा।

यह ट्रैक विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में इन दोनों प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पहुंचने की योजना बना रहे हैं। इस नई ट्रेन की गति 130 किमी/घंटा तक होगी, जो यात्रा समय को काफी कम कर देगी और यात्रियों के लिए अत्यधिक सुविधाजनक बनाएगी।
प्रयागराज और वाराणसी के बीच लगभग 120 किलोमीटर की दूरी है, जो पहले 3-4 घंटे में तय होती थी। लेकिन इस नई तेज़ ट्रेन सेवा के आने से यह दूरी महज कुछ घंटों में तय की जा सकेगी, जिससे यात्री न सिर्फ समय की बचत करेंगे, बल्कि यात्रा के दौरान होने वाली असुविधाओं से भी बच सकेंगे। महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं, और इस ट्रेन सेवा से उनकी यात्रा का अनुभव और भी आसान हो जाएगा।
इसके साथ ही, यह परियोजना भारत सरकार की बड़ी योजनाओं का हिस्सा है, जैसे ‘भारत माला‘ और ‘मेक इन इंडिया‘, जिनके तहत रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक और सुदृढ़ किया जा रहा है। इस सेवा से न केवल प्रयागराज और वाराणसी के बीच के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि दोनों शहरों के बीच पर्यटन, व्यापार, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस ट्रेन सेवा के शुरू होने से महाकुंभ जैसी घटनाओं के दौरान यात्री परिवहन की क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे भीड़-भाड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही, यह रेलवे सेवा उत्तर भारत के अन्य प्रमुख शहरों को जोड़ने में भी सहायक सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस परियोजना के उद्घाटन से उत्तर प्रदेश की विकास दिशा को नई गति मिलेगी, और देशभर में रेलवे नेटवर्क की क्षमता में सुधार होगा।





