नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में किसानों की सभी मांगों का समर्थन किया है। पार्टी ने किसानों के मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और उनकी समस्याओं के समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वे किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। यह बयान खासतौर पर उन मुद्दों पर दिया गया है, जिनमें कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ओर से उठाए गए सवाल और उनकी लंबी संघर्ष के बारे में चर्चा की गई है।
कांग्रेस का यह समर्थन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत है, जो पहले भी कई बार सरकार के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा चुके हैं। पार्टी ने किसानों की मांगों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और उनके संघर्ष के समर्थन का संदेश दिया है।
कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘किसान आज संसद मार्च कर रहे हैं. ख़ुद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का समर्थन मिलने के बाद उनके विरोध को जबरदस्त बूस्टर डोज मिला है. कहा, ‘‘किसान और उनके संगठन निम्न मांगों के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का 1.5 गुना एमएसपी निर्धारित करना, जिस तरह बैंकों ने चूक करने वाली निजी कंपनियों के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ़ कर दिए, उसी तरह किसानों को एकमुश्त क़र्ज़ से राहत देना.’’
पार्टी ने किसानों के मुद्दों को लेकर अपने समर्थन को और स्पष्ट किया है, विशेष रूप से कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के संदर्भ में। कांग्रेस ने कहा कि वह किसानों की सभी उचित मांगों के समर्थन में है और उनके अधिकारों के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। पार्टी का मानना है कि किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार द्वारा ठोस कदम उठाने से ही संभव है, और कांग्रेस सरकार से आग्रह करती है कि वह किसानों की परेशानियों को समझे और उनके लिए उपयुक्त नीतियाँ बनाए।
यह भी स्पष्ट किया कि कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत है, लेकिन यह सुधार किसानों के हित में होना चाहिए, न कि बड़े कॉर्पोरेट्स के लाभ के लिए। पार्टी ने किसानों के खिलाफ उठाए गए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की, क्योंकि उनका मानना था कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं और इन्हें लागू करने से किसानों की आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है।
इसके अलावा, कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, कर्जमाफी, फसल बीमा और अन्य संबंधित मुद्दों पर भी किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाई। पार्टी ने किसानों के आंदोलन को एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा मानते हुए, यह वादा किया है कि वह उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करती रहेगी, चाहे वह संसद में हो या सड़क पर।
कांग्रेस पार्टी महासचिव के अनुसार, किसानों की यह मांग भी है कि कृषि वस्तुओं के आयात और निर्यात पर निर्णय एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा लिया जाए जिसमें किसानों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो तथा बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाली प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना को अब किसानों के हितों और चिंताओं को पूरा करने के लिए पुनर्गठित किया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसान संगठनों की इन और अन्य सभी मांगों का पूरी तरह से समर्थन करती है.’’
कांग्रेस का यह बयान राजनीतिक मंच पर किसानों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो पहले से ही किसानों के मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख रूप से सक्रिय रही है।
