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हमें इजरायल की तरह आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेना होगा : गिरिराज सिंह

पटना : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बयान में कहा है कि भारत को इजरायल की तरह आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेना चाहिए। उनका यह बयान सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को लेकर था।

इजरायल को अपनी सैन्य शक्ति और आत्मरक्षा की क्षमता के लिए जाना जाता है, खासकर उसके सुरक्षा उपायों और रणनीतियों के कारण। गिरिराज सिंह का यह बयान इस संदर्भ में था कि भारत को भी इजरायल की तरह अपनी सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए और अपने नागरिकों को आत्मरक्षा की दिशा में प्रशिक्षित करना चाहिए।

इस बयान का उद्देश्य भारत की सुरक्षा की स्थिति को सुदृढ़ करना और नागरिकों को किसी भी प्रकार की खतरे या हमले से बचाव के लिए सक्षम बनाना था। इस तरह के प्रशिक्षण से लोग आपातकालीन परिस्थितियों में सही प्रतिक्रिया कर सकते हैं और देश की सुरक्षा में योगदान दे सकते हैं।

गिरिराज सिंह का बयान इजरायल के आत्मरक्षा के मॉडल को संदर्भित करते हुए था, जिसमें उन्होंने भारतीय नागरिकों को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण की आवश्यकता की बात की। उनका यह विचार विशेष रूप से देश में सुरक्षा संकटों और आतंकी हमलों के बीच अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि जब इजरायल जैसे देशों में नागरिकों को आत्मरक्षा के उपायों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, तो इससे पूरे देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में वृद्धि होती है।

इजरायल एक ऐसा देश है जो छोटे आकार के बावजूद अपनी सैन्य शक्ति और सुरक्षा नीतियों के लिए प्रसिद्ध है। वहां के नागरिकों को नियमित रूप से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त होता है, और उन्हें किसी भी प्रकार के हमलों या आपातकालीन स्थिति में स्वयं को बचाने के लिए तैयार किया जाता है। इजरायल की यह रणनीति सुरक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक सफल रही है, और गिरिराज सिंह ने इसे भारत के संदर्भ में लागू करने का सुझाव दिया।

गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत को आत्मरक्षा में आत्मनिर्भर बनने के लिए नागरिकों को प्रशिक्षित करना चाहिए ताकि वे किसी भी सुरक्षा खतरे का सामना कर सकें। उनका यह भी कहना था कि इस तरह का प्रशिक्षण नागरिकों को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उन्हें समाज और देश के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाता है। इसके अलावा, यह सुरक्षा बलों पर दबाव को भी कम कर सकता है, क्योंकि यदि नागरिक अपने स्तर पर आत्मरक्षा कर सकते हैं तो सुरक्षा बलों को आपातकालीन परिस्थितियों में कम हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी।

यह बयान खासतौर पर उन हालातों में दिया गया है जब भारत में सुरक्षा को लेकर कई चुनौतियाँ बनी रहती हैं, जैसे कि सीमा पर स्थित संघर्ष, आतंकवाद, और आंतरिक असंतोष। गिरिराज सिंह ने यह भी माना कि देश की सुरक्षा के लिए केवल सैनिकों का ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों का भी योगदान महत्वपूर्ण है।

इस तरह के विचार भारत की सुरक्षा नीति और रक्षा तैयारियों के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा करते हैं, जिसमें केवल सैन्य बलों का ही नहीं, बल्कि सामान्य नागरिकों का भी एक सक्रिय और सशक्त योगदान सुनिश्चित किया जाए।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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